सारंगढ़ की धरती पर रचेगा स्वर्णिम इतिहास- 11 जनवरी को गुरु घासीदास पुष्पवाटिका में सम्मान, संवाद और साहित्य का विराट संगम
सारंगढ़–बिलाईगढ़। सारंगढ़–बिलाईगढ़ जिले के इतिहास में 11 जनवरी का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। जिले के प्रतिष्ठित गुरु घासीदास पुष्पबाटिका परिसर में प्रदेश स्तरीय पत्रकार कार्यशाला, भव्य रात्रिकालीन कवि सम्मेलन एवं “सारंगढ़ रत्न” सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन न केवल पत्रकारिता और साहित्य का उत्सव बनेगा, बल्कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों के सम्मान का ऐतिहासिक मंच भी सिद्ध होगा। कार्यक्रम को लेकर पूरे जिले में उत्साह का माहौल है।
इस बहुआयामी आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। विशिष्ट अतिथियों में जगन्नाथ पाणिग्राही (प्रदेश उपाध्यक्ष), गुरु खुशवंत साहेब (कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्री), टंकराम वर्मा (प्रभारी मंत्री), राधेश्याम राठिया (सांसद, रायगढ़), उत्तरी जांगड़े (विधायक, सारंगढ़), कविता लहरे (विधायक, बिलाईगढ़), चातुरी नंद (विधायक, सरायपाली), संपत अग्रवाल (विधायक, बसना) एवं रामकुमार यादव (विधायक, चंद्रपुर) सहित अनेक जनप्रतिनिधि मंच की शोभा बढ़ाएंगे।
आयोजन को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिग्नेश कलाबाड़िया की विशेष उपस्थिति भी सुनिश्चित हुई है, जिससे पत्रकार सुरक्षा और अधिकारों का संदेश देशभर तक पहुंचेगा।यह भव्य आयोजन प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा के मार्गदर्शन, जिला अध्यक्ष नरेश चौहान के नेतृत्व तथा जिले के पत्रकार साथियों के समर्पित सहयोग से साकार हो रहा है।
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहेगा “सारंगढ़ रत्न सम्मान समारोह”, जिसके अंतर्गत पत्रकारिता, साहित्य, समाजसेवा, शिक्षा, कला, संस्कृति, खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया जाएगा।
रात्रिकालीन कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि रामेश्वर बैष्णव एवं मशहूर शायर मीर अली मीर अपनी रचनाओं से समां बांधेंगे। कार्यक्रम का संचालन शशि भूषण स्नेही करेंगे, जबकि संयोजन की जिम्मेदारी भागवत साहू संभालेंगे। यह साहित्यिक संध्या श्रोताओं को कविता, शायरी और व्यंग्य की दुनिया में डुबो देगी।आयोजन को लेकर पत्रकारों, साहित्यप्रेमियों और आम नागरिकों में खासा उत्साह है। आयोजकों ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाएं।
11 जनवरी को गुरु घासीदास पुष्पबाटिका परिसर बनेगा—कलम की ताकत, कविता की संवेदना और सम्मान की गरिमा का भव्य उत्सव।
Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT








