छत्तीसगढ़ | 12 जून 2025 🛑 छत्तीसगढ़ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से खनन और रेत परिवहन पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद अवैध गतिविधियाँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मानसून की शुरुआत के साथ ही जब नदियों का जलस्तर बढ़ने लगता है, तब रेत खनन से पर्यावरणीय असंतुलन और जानमाल की हानि की संभावना रहती है। इसी कारण NGT हर साल इस अवधि में रोक लगाता है।
🌙 अंधेरे में हो रहा अवैध कारोबार
राज्य के विभिन्न इलाकों में रात के अंधेरे में ट्रैक्टरों और हाईवा से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में माफिया नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है कि स्थानीय लोग शिकायत करने से भी डरते हैं।
🤐 अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौन
प्रशासनिक अमले और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की खामोशी यह संकेत देती है कि या तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी जा रही, या जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। पर्यावरणीय सरोकारों और कानूनी दिशा-निर्देशों की खुलेआम अनदेखी राज्य की छवि पर भी सवाल खड़े कर रही है।
🌿 प्रकृति पर सीधा हमला नदियों के किनारे कटाव और मिट्टी का क्षरण जलीय जीवन को खतरा बाढ़ और आपदा का खतरा इन सबका जिम्मेदार वह तंत्र है जो NGT के आदेशों के बावजूद कार्रवाई से बच रहा है।
📢 नागरिकों की माँग
प्रदेश में NGT के निर्देशों का तत्काल सख्ती से पालन
अवैध खनन में लिप्त माफियाओं और वाहनों पर कड़ी कार्रवाई
जिम्मेदार अधिकारियों और माइनिंग अधिकारियों की जवाबदेही तय हो

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT