बिलासपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ (तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार) द्वारा विगत कई दिनों से चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को शासन स्तर पर मिले ठोस आश्वासनों के बाद 6 अगस्त 2025 से स्थगित कर दिया गया है। यह आंदोलन राज्य के राजस्व प्रशासन में सुधार, सम्मान और समन्वय की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में चला, जिसमें तहसील स्तर से लेकर सचिवालय तक हलचल मच गई।
संघ द्वारा प्रस्तुत 17 सूत्रीय मांगों पर सरकार ने गंभीरता से विचार करते हुए राजस्व मंत्री, सामान्य प्रशासन एवं राजस्व विभाग के सचिव तथा भू-अभिलेख संचालक की उपस्थिति में संघ प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की। इस चर्चा के दौरान प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्ट और ठोस आश्वासन दिया, जिससे संघ संतुष्ट होकर हड़ताल स्थगित करने को राजी हुआ।
संघ ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल वेतनवृद्धि, पदोन्नति या संसाधनों तक सीमित नहीं था, बल्कि तहसील कार्यालयों में व्याप्त अव्यवस्थाओं, मानव संसाधन की कमी, वाहनों व संरचनात्मक सुविधाओं की अनुपलब्धता जैसे जमीनी मुद्दों को सामने लाने का प्रयास था। साथ ही, सेवा गारंटी अधिनियम के तहत बेवजह दंड की प्रक्रिया पर भी आपत्ति जताई गई थी। डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति में 50:50 अनुपात की बहाली, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित दर्जा देने की प्रक्रिया, शासकीय वाहन की स्थायी व्यवस्था, ग्रेड-पे संशोधन, निलंबन मामलों पर शीघ्र निर्णय जैसे विषयों पर शासन की सहमति बनी है। शासन ने इन सभी बिंदुओं पर चरणबद्ध कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
संघ ने अपने सभी सदस्यों और अधिकारियों से अपील की है कि इस निर्णय को संगठन की परिपक्व सोच और संवाद आधारित रणनीति के रूप में देखा जाए। यह कोई पीछे हटने का कदम नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक मजबूत पड़ाव है। संघ ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि शासन द्वारा निर्धारित समयसीमा में ठोस कार्यवाही नहीं होती, तो वे पुनः आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होंगे। फिलहाल संघर्ष को विराम दिया गया है, लेकिन यह समाप्त नहीं हुआ — यह संदेश पूरे राजस्व प्रशासन के लिए स्पष्ट और सशक्त है।
रिपोर्ट: रितेश गुप्ता
(LallanGuru न्यूज़, छत्तीसगढ़)
Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT









