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छ• ग• के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी को उनके मृत्योपरांत भी अपमानित कर रहे ” कांग्रेसी ” —- निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष , विश्व हिन्दु परिषद , जी•पी•एम•

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गौरेला, न्यूज ब्यूरो: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति स्थापना को लेकर गौरेला नगर में विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस से जुड़े पार्षद और ठेकेदार द्वारा नियमों को दरकिनार कर प्रतिमा स्थापित किए जाने पर अब तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
विश्व हिंदू परिषद के निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष और जीपीएम जिले के सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुमार जायसवाल ने कांग्रेसियों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस जोगी जी को मृत्योपरांत भी अपमानित कर रही है।
बिना अनुमति के मूर्ति स्थापना
नगरपालिका परिषद गौरेला में पहले ही एक विधिवत प्रस्ताव पारित कर भारतीय जनसंघ के प्रणेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया जा चुका था। मगर निकाय के वार्ड क्रमांक 03 से नवनिर्वाचित कांग्रेसी पार्षद और ठेकेदार (गणेश कंस्ट्रक्शन) ने बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के रातों-रात उसी स्थान पर अजीत जोगी की मूर्ति स्थापित कर दी।
जब यह जानकारी नगरपालिका के सीएमओ को हुई, तो उन्होंने नियमों के तहत ठेकेदार को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर स्थल खाली करने का निर्देश दिया।
भाजपा का बहुमत, कांग्रेस की चाल?
बता दें कि गौरेला नगर पालिका परिषद में भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट बहुमत है। ऐसे में परिषद के प्रस्ताव की अनदेखी कर कांग्रेस पार्षद द्वारा की गई यह कार्रवाई राजनीतिक अशांति को जन्म दे रही है। जायसवाल ने कहा कि “यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति है, जिसके पीछे किसी बड़े नेता की शह हो सकती है।”
जोगी परिवार के सम्मान पर चोट का आरोप
जायसवाल ने आगे कहा कि, “जिस महान नेता को विधानसभा, राजभवन या शासकीय परिसर में सम्मानपूर्वक स्थान मिलना चाहिए था, उसे एक विवादित स्थल पर स्थापित कर जानबूझकर जोगी परिवार और उनकी छवि को ठेस पहुंचाने की साजिश की जा रही है। यह कांग्रेसियों की घटिया राजनीति का प्रतीक है।”
अध्यक्ष की चुप्पी पर सवाल
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह रही कि अब तक नगर पालिका अध्यक्ष गौरेला का इस पूरे विवाद पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जनता और राजनीतिक हलकों में इस चुप्पी को लेकर भी कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं और क्या स्वर्गीय अजीत जोगी की विरासत को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिशें रोकी जा सकेंगी या नहीं।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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