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राज्यपाल से 57 विधायकों के “युक्तियुक्तकरण” की मांग, शिक्षकों में गहराया रोष

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सक्ती। छत्तीसगढ़ में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण (रैशनलाइजेशन) इन दिनों बड़ा मुद्दा बन गया है। सरकार द्वारा अतिशेष शिक्षकों का स्थानांतरण और स्कूलों के विलय की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद प्रदेशभर में शिक्षक नाराज हैं। अब इस नाराजगी ने एक नया मोड़ ले लिया है—राजनीतिक तंज के रूप में।
सक्ती जिले के ग्राम अंडा, पोस्ट किरारी से शिक्षक तरुण भारद्वाज का एक पत्र राज्यपाल के नाम वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने एक अनोखी मांग उठाई है। पत्र में लिखा गया है कि जब शिक्षकों की संख्या अधिक होने पर उन्हें ‘युक्तियुक्तकरण’ के नाम पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है और 10463 स्कूलों को बंद किया जा सकता है, तो यही नियम विधायकों पर क्यों नहीं लागू किया जा सकता? शिक्षक भारद्वाज ने राज्यपाल से मांग की है कि छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के लिए केवल 33 विधायक ही पर्याप्त हैं। वर्तमान में 90 विधानसभा सीटों के संचालन में अत्यधिक खर्च हो रहा है जिससे राज्य की संपत्ति को आर्थिक क्षति हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया है कि शेष 57 विधायकों को ‘युक्तियुक्तकरण नियम’ के तहत मर्ज किया जाए।

छत्तीसगढ़ में दो अतिशेष उपमुख्यमंत्री?—वायरल पोस्टकार्ड ने खड़े किए सवाल, युक्तियुक्तकरण की मांग

इससे पहले भी एक शिक्षक ने दो उपमुख्यमंत्रियों की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए राज्यपाल को पोस्टकार्ड भेजा था। अब यह सिलसिला और तेज होता दिख रहा है। शिक्षकों के बीच यह भावना है कि यदि उनके साथ “युक्तियुक्तकरण” की नीति अपनाई जा रही है, तो यही मापदंड शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर भी लागू होना चाहिए। शिक्षक समाज में इस मुद्दे को लेकर चर्चा जोरों पर है और अब यह आंदोलन महज स्थानांतरण से आगे बढ़कर नीति-निर्माण और सत्ता-प्रशासन की जिम्मेदारियों तक पहुंच चुका है। देखना होगा कि शासन इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है।

Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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