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युक्तियुक्तकरण की काउंसलिंग में घोटाला: गौरेला बीईओ की कारगुजारियों से शिक्षकों में आक्रोश—रितेश कुमार गुप्ता, विशेष संवाददाता

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गौरेला,छ.ग. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की काउंसलिंग के दौरान गंभीर अनियमितताएं सामने आ रही हैं, जिनमें बीईओ कार्यालय की भूमिका सवालों के घेरे में है। आरोप हैं कि चयन सूची में मनमानी तरीके से बदलाव कर कुछ चहेते शिक्षकों को अनुचित लाभ पहुँचाया गया है, जिससे ईमानदारी से अपनी बारी का इंतजार कर रहे कई शिक्षक वंचित रह गए।
सूची में हेरफेर: वरिष्ठता को किया गया नजरअंदाज़
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सहायक शिक्षक किरन सूर्या, जो कि प्राथमिक शाला पुराना गौरेला में पदस्थ हैं, उन्हें पहली सूची में 25वें स्थान पर रखा गया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि दूसरी सूची में उनका स्थान ऊपर कर दिया गया, और उन्हें प्राथमिक शाला बंगलाटोला जैसी पसंदीदा जगह दे दी गई।
एक और मामला प्रतिमा पटेल का है, जो पहली सूची में 69वें स्थान पर थीं, लेकिन उन्हें भी दूसरी सूची में ऊपर लाकर स्थान दे दिया गया, जबकि उनकी वरिष्ठता सूची में वास्तविक स्थान 627वां है। यह सीधे तौर पर वरिष्ठता मानदंडों और शासन निर्देशों का उल्लंघन है।
बीईओ कार्यालय पर उठे सवाल ?
इन अनियमितताओं को लेकर बीईओ गौरेला की भूमिका पर गंभीर संदेह जताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सूची में फेरबदल व्यक्तिगत सिफारिशों और दबाव के चलते किए गए हैं। इससे न केवल अन्य पात्र शिक्षकों में आक्रोश है, बल्कि विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है।
शिक्षकों में रोष, पारदर्शिता की मांग
कई वरिष्ठ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यदि इस प्रकार की मनमानी चलती रही तो युक्तियुक्तकरण जैसी योजनाएं मात्र औपचारिकता बनकर रह जाएंगी। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
कलेक्टर से शिकायत की तैयारी
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इस प्रकरण को लेकर कुछ शिक्षक कलेक्टर और संभागीय संयुक्त संचालक को शिकायत पत्र सौंपने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि निष्पक्ष जांच हो और पात्रता के आधार पर ही पदस्थापना की जाए। यह मामला दर्शाता है कि शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की कितनी सख्त जरूरत है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो इसका सीधा असर शिक्षा गुणवत्ता और शिक्षक मनोबल पर पड़ेगा।
> यह केवल युक्तियुक्तकरण नहीं, शिक्षकों के भविष्य के साथ अनुचित खिलवाड़ है।
क्या बीईओ गौरेला पर होगी कार्रवाई?
या यह घोटाला भी फाइलों में दफन हो जाएगा?
(Lallanguru न्यूज़ इस प्रकरण की सतत निगरानी करेगा और अपडेट देता रहेगा।)
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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