गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में आज सर्व शैक्षणिक संगठन छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में जिले के सैकड़ों शिक्षकों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन को चार सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, शिक्षा सचिव, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय, और जिलाधीश सह अध्यक्ष – जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति जीपीएम के नाम प्रेषित किया गया।
शिक्षकों ने 02 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को गैर-पारदर्शी, पक्षपातपूर्ण और नियमों के विरुद्ध बताते हुए तत्काल निरस्त करने की मांग की। शिक्षकों ने 31 मार्च 2008 के स्वीकृत सेटअप के आधार पर नई प्रक्रिया लागू करने की मांग की है।
मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
1️⃣ युक्तियुक्तकरण की विसंगतियां:
दावा-आपत्ति की प्रक्रिया को दरकिनार किया गया
वरिष्ठों को कनिष्ठ और कनिष्ठों को वरिष्ठ बना दिया गया
समस्त रिक्त पदों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई
विद्यार्थी दर्ज संख्या में हेरफेर कर जबरन अतिशेष घोषित किया गया
ब्लॉकवार अलग-अलग मापदंड तय किए गए, जिससे अराजकता की स्थिति बनी
👉 शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह प्रक्रिया 31/03/2008 को वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत सेटअप के खिलाफ है, जिसमें प्राथमिक शाला में 60 छात्रों पर एक प्रधान पाठक व दो सहायक शिक्षक तथा पूर्व माध्यमिक में 105 छात्रों पर एक प्रधान पाठक व चार शिक्षक पद स्वीकृत थे।
2️⃣ क्रमोन्नति संबंधी आदेश जारी हो:
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश (WA 261/2023) के अनुसार शिक्षिका श्रीमती सोना साहू को पूर्व सेवा की गणना कर एरियर्स सहित क्रमोन्नति वेतनमान दिया गया है। यह सुविधा समस्त एलबी संवर्ग के पात्र शिक्षकों को भी दी जाए, इसके लिए जनरल ऑर्डर (DCD) जारी किया जाए।
3️⃣ पेंशन व सेवा लाभ:
शिक्षक एलबी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा की गणना कर पेंशन और अन्य सभी सेवानिवृत्त लाभ प्रदान किए जाएं।
4️⃣ पदोन्नति में शिथिलता की मांग:
नव-व्याख्याता से प्राचार्य पदोन्नति के लिए B.Ed की अनिवार्यता को शिथिल किया जाए और D.Ed प्रशिक्षित शिक्षकों को भी इस पद हेतु मौका दिया जाए। प्राचार्य की सीधी भर्ती में 10% पदों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरा जाए।
ज्ञापन सौंपते समय मौजूद प्रमुख शिक्षक नेता:
प्रीतम कोशले (प्रांतीय संचालक), मुकेश कोरी, दिनेश राठौर, तबरेज खान, अभिषेक शर्मा, श्रीमती ज्योति दुबे, गुलाब दुबे, ज़बीना खान, आशा कौशिक, तरुण नामदेव, संजय नामदेव, राकेश चौधरी, अजय चौधरी, पीयूष गुप्ता, अमिताभ चटर्जी, संजय सोनी, ओमप्रकाश सोनवानी, धर्मेंद्र कैवर्त, परशुराम चौधरी सहित अनेक शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT