पेंड्रा। नगर पालिका परिषद पेंड्रा में स्ट्रीट लाइट टेंडर के नाम पर हुए करोड़ों के घोटाले को लेकर भाजपा युवा मोर्चा द्वारा 26 जून 2025 को कलेक्टर को की गई शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच तो कराई गई, लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। यह स्थिति अब सीधे तौर पर प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाने लगी है। यदि जांच हो चुकी है, तो रिपोर्ट दबाकर किसे बचाने की कोशिश की जा रही है?
भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अंकुर गुप्ता ने कहा कि शिकायत के बाद अधिकारियों ने एक टीम गठित कर जांच करवाई, फर्मों के दस्तावेज देखे गए, टेंडर की प्रक्रिया की पड़ताल हुई, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि तीन हफ्ते बाद भी रिपोर्ट बाहर नहीं आई। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि रिपोर्ट को जानबूझकर रोका जा रहा है।
गुप्ता ने यह भी कहा कि बिना टीडीआर के निविदा खोलना, अयोग्य फर्म को पात्र बताकर टेंडर देना और 10 प्रतिशत से अधिक दर पर स्वीकृति दिलाना — ये सभी गंभीर अनियमितताएं पहले ही सिद्ध हैं। फिर भी कार्रवाई नहीं होना दर्शाता है कि पूरी प्रक्रिया को धीमा करके दोषियों को समय दिया जा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब शिकायत में सारे दस्तावेज पहले दिन से मौजूद थे, जांच भी पूरी हो चुकी है, तो फिर रिपोर्ट में देरी क्यों? क्या यह देरी, रिपोर्ट को बदलवाने या कमजोर करने की रणनीति है? युवा मोर्चा ने प्रशासन को चेताया है कि यदि शीघ्र रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला अब केवल शिकायत तक सीमित नहीं रहेगा — इसे लेकर जनआंदोलन की शुरुआत होगी।
अब जनता यह जानना चाहती है कि —
जांच रिपोर्ट कहां है?
क्यों रोकी जा रही है?
और किसके दबाव में प्रशासन चुप है?
Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT









