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गौरेला में भाजपा के दो दिग्गज आमने-सामने! सीसी रोड विवाद ने खोली अंदरूनी कलह, नगर पालिका अध्यक्ष और पूर्व उपाध्यक्ष में सीधी टकराहट

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गौरेला में भाजपा के दो दिग्गज आमने-सामने! सीसी रोड विवाद ने खोली अंदरूनी कलह, नगर पालिका अध्यक्ष और पूर्व उपाध्यक्ष में सीधी टकराहट
लोकेशन: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: गौरेला नगर पालिका में सीसी रोड निर्माण को लेकर भाजपा के दो कद्दावर नेता आमने-सामने आ खड़े हुए हैं, और यह टकराव अब सड़कों से निकलकर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है।
नगर पालिका परिषद गौरेला के अध्यक्ष मुकेश दुबे, जो भाजपा समर्थित हैं, और भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष संदीप जायसवाल के बीच तीखी टकराव की स्थिति उभर आई है। पूरन तालाब के चारों ओर निर्माणाधीन सीसी रोड को लेकर यह विवाद तब भड़का जब जायसवाल के घर के सामने का हिस्सा छोड़कर ठेकेदार ने बाकी हिस्सों में सड़क डाल दी।
-पूर्व उपाध्यक्ष बोले – “राजनीतिक द्वेष के तहत किया बहिष्कृत”
इस घटनाक्रम से आक्रोशित संदीप जायसवाल ने सीधे छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि यह साफतौर पर राजनीतिक बदले की भावना है। उन्होंने बयान दिया कि –
> “मैं भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता हूं, लेकिन मेरे ही क्षेत्र में मेरे घर के सामने रोड न बनाना दर्शाता है कि अंदरखाने कोई द्वेषपूर्ण राजनीति चल रही है।” जायसवाल ने यहां तक कह दिया कि अगर नगर पालिका सड़क नहीं बनवाती तो वह अपने स्वयं के खर्च से सीसी रोड बनाएंगे।
CMO और इंजीनियर की चुप्पी पर भी उठे सवाल
नगर पालिका गौरेला के सीएमओ का बयान मामले को और उलझाता नजर आया। उन्होंने कहा कि रोड की चौड़ाई बढ़ा दी गई थी, जिससे मटेरियल कम पड़ गया और संबंधित हिस्सा छूट गया। अब सवाल ये उठता है कि जब बाकी जगह पर काम पूरा हो गया, तो ठीक पूर्व उपाध्यक्ष के घर के सामने ही ‘सामग्री खत्म’ कैसे हो गई?
क्या यह मात्र संयोग है या सोची-समझी राजनीति?
नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा – कार्य नियमों के अनुसार, द्वेष जैसी कोई भावना नहीं
नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश दुबे ने कहा कि निर्माण कार्य पूरी तरह नियमों और तकनीकी स्वीकृति के अनुसार किया गया है, और जो हिस्सा छूटा है उसे किसी अन्य मद से पूर्ण करवाया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि > “यह कार्य किसी भी प्रकार की द्वेष की भावना से ग्रसित नहीं है। नगर पालिका सभी नागरिकों के लिए समान रूप से कार्य करती है, किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया है।”
भाजपा की चुप्पी से बढ़ रही नाराज़गी
सवाल ये भी है कि पार्टी नेतृत्व इस खुली कलह पर मौन क्यों है?
क्या भाजपा में स्थानीय स्तर पर शक्ति संतुलन बिखर रहा है?
जब दो वरिष्ठ नेता सड़क निर्माण जैसे मुद्दे को लेकर आमने-सामने हैं, तो पार्टी की एकजुटता और अनुशासन पर खुद सवाल खड़े हो रहे हैं।
अब देखना है – सीसी रोड पहले बनेगी या भाजपा की फूट और गहरी होगी।
गौरेला की सियासत में यह मामला अब सिर्फ सड़क का नहीं, साख का बन चुका है।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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