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पेंड्रा नगर पालिका में फिर फूटा घोटाला — करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाला विवादित इंजीनियर स्वप्निल मिश्रा फिर फंसा!

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स्ट्रीट लाइट टेंडर में भी मिलीभगत — CMO के साथ 15 लाख की अनियमितता, डीएमएफ घोटाले में पहले ही निलंबित
पेंड्रा (जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)। पेंड्रा नगर पालिका का विवादित नाम बन चुका सब इंजीनियर स्वप्निल मिश्रा एक बार फिर सुर्खियों में है। करोड़ों के फर्जीवाड़े और नियमों की धज्जियां उड़ाने का लंबा इतिहास रखने वाला यह इंजीनियर, अब नगर पालिका के 47.66 लाख रुपये के स्ट्रीट लाइट टेंडर घोटाले में CMO के साथ सीधे तौर पर फंस गया है।
बिना TDR के खोला टेंडर, फर्म को फर्जी तरीके से पात्र घोषित
कलेक्टर की जांच रिपोर्ट में साफ हो गया है कि अन्नपूर्णा फर्नीचर एंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन रायपुर को TDR जमा न करने के बावजूद पात्र घोषित किया गया और उसका वित्तीय प्रस्ताव खोला गया। यह हेराफेरी, निविदा समिति द्वारा किसी खास ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की नियत से की गई। परिणाम — शासन को करीब 15 लाख रुपये का सीधा नुकसान।
डीएमएफ घोटाले में पहले ही निलंबन
याद रहे, स्वप्निल मिश्रा को कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने पूर्व वर्ष खनिज न्यास निधि (DMF) से हुए मल्टीपरपज स्कूल और फिजिकल कॉलेज के रिनोवेशन कार्य में गुणवत्ताहीन और तकनीकी स्वीकृति के विपरीत काम करने पर निलंबित कर दिया था। जांच में पाया गया कि लाखों के काम में घटिया निर्माण और नियम उल्लंघन किया गया था। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय नगर पालिका गौरेला कर दिया गया और केवल जीवन निर्वाह भत्ता देने का आदेश हुआ। बाद में घोटालेबाज स्वप्निल मिश्रा को पेंड्रा नगर पालिका पुनः पदस्थ किया गया ! जिसके बाद ये घोटाला सामने आया है!
करोड़ों के पुराने घोटालों का इतिहास
स्वप्निल मिश्रा का विवाद कोई नया नहीं है। नगर पालिका क्षेत्र में इनके खिलाफ पहले भी करोड़ों रुपये के घोटाले, आधे-अधूरे काम, और ठेकेदारों से सांठगांठ के गंभीर आरोप लग चुके हैं। शिकायतें दर्ज होने के बावजूद, प्रशासनिक संरक्षण और राजनीतिक पहुंच के चलते इन पर कार्रवाई ठंडी पड़ जाती थी।
अब CMO के साथ नया घोटाला
स्ट्रीट लाइट टेंडर में CMO और स्वप्निल मिश्रा की मिलीभगत ने फिर से नगर पालिका की साख पर सवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अंकुर गुप्ता, श्रीकांत चतुर्वेदी और सौरभ अग्रवाल की शिकायत पर कलेक्टर ने जांच कमेटी गठित की, जिसमें दोनों दोषी पाए गए। अब कलेक्टर ने पूरे मामले की रिपोर्ट सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को भेज दी है।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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