स्ट्रीट लाइट टेंडर घोटाले पर बोले उप मुख्यमंत्री अरुण साव — “दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई”
पेंड्रा नगर पालिका में विवादित इंजीनियर स्वप्निल मिश्रा और CMO लाखों की अनियमितता में फंसे, DMF घोटाले में पहले ही हो चुका निलंबन
पेंड्रा (जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)। नगर पालिका पेंड्रा के 47.66 लाख रुपये के स्ट्रीट लाइट टेंडर घोटाले में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सख्त रुख अपनाया है। आज जिले के एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे साव ने रेस्ट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा —
“जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
कलेक्टर जांच में खुली गड़बड़ी
कलेक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, रायपुर की अन्नपूर्णा फर्नीचर एंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन को TDR जमा न करने के बावजूद पात्र घोषित किया गया और उसका वित्तीय प्रस्ताव खोला गया। यह हेराफेरी निविदा समिति द्वारा किसी खास ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की नियत से की गई, जिससे शासन को लगभग 15 लाख रुपये का सीधा नुकसान हुआ।
DMF घोटाले में पहले भी फंसा विवादित इंजीनियर
दोषी पाए गए सब इंजीनियर स्वप्निल मिश्रा पहले भी करोड़ों के DMF घोटाले में निलंबित हो चुके हैं। मल्टीपरपज स्कूल और फिजिकल कॉलेज के रिनोवेशन में घटिया निर्माण और नियम उल्लंघन के कारण कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने उन्हें निलंबित किया था। निलंबन के दौरान मुख्यालय गौरेला किया गया, लेकिन बाद में फिर से पेंड्रा नगर पालिका में पदस्थ किया गया — और यह नया घोटाला सामने आ गया।
भाजपा युवा मोर्चा की शिकायत पर कार्रवाई
भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अंकुर गुप्ता, श्रीकांत चतुर्वेदी और सौरभ अग्रवाल की शिकायत पर कलेक्टर ने जांच कमेटी बनाई। रिपोर्ट में CMO और स्वप्निल मिश्रा दोनों को दोषी ठहराया गया और मामला सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को भेजा गया।
उप मुख्यमंत्री की सख्ती से बढ़ी उम्मीदें
स्थानीय लोगों का मानना है कि उप मुख्यमंत्री अरुण साव के सार्वजनिक आश्वासन के बाद अब इस मामले में कार्रवाई की गति तेज होगी। साव ने साफ कहा कि “रिपोर्ट जो भी कहेगी, उसी आधार पर दोषियों को सजा मिलेगी”, जिससे नगर पालिका के इस बड़े घोटाले पर कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है।
Author: Ritesh Gupta
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