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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: शिक्षा जगत शर्मसार — नाबालिग आदिवासी छात्राओं से छेड़छाड़, व्याख्याता विजय राय गिरफ्तार, शिक्षिका और अधीक्षिका पर मामले को दबाने का आरोप,

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मरवाही। मरवाही विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बंशी ताल (दानीकुंडी) में पदस्थ व्याख्याता विजय राय पर आदिवासी समुदाय की नाबालिग छात्राओं से यौन छेड़छाड़ का गंभीर आरोप सामने आया है। शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाली इस घटना के उजागर होते ही पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है।
परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद मरवाही पुलिस ने आरोपी शिक्षक को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। FIR में विजय राय के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) की धारा 74, POCSO एक्ट 2012 की धारा 9(c) और SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 10 के अंतर्गत गंभीर धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
गंभीर आरोप, गंभीर धाराएं
विशेष रूप से POCSO एक्ट की धारा 9(c) यह स्पष्ट करती है कि यदि कोई शिक्षक नाबालिग छात्रा के साथ यौन दुर्व्यवहार करता है, तो इसे “गंभीर यौन उत्पीड़न” की श्रेणी में माना जाता है, जिसमें कठोर दंड का प्रावधान है।
प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल, दो महिला कार्मिकों की भूमिका संदिग्ध
स्थानीय ग्रामीणों और छात्राओं के परिजनों ने आरोप लगाया है कि विद्यालय की कक्षा शिक्षिका कृषि गोयल और छात्रावास की अधीक्षिका नेहा गुप्ता को इस गंभीर घटनाक्रम की पूर्व जानकारी थी, बावजूद इसके उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की। इस लापरवाही को लेकर अभिभावकों और महिला संगठनों में भारी नाराजगी है। प्रदर्शनकारियों ने माँग की है कि इन दोनों अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर इनके विरुद्ध भी जांच एवं विधिक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।
प्रशासन को सख्त,,
जिला प्रशासन को मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच समिति गठित करनी चाहिए है, जो समूचे घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को सौंपे। पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज कर अन्य छात्राओं से भी जानकारी ली जानी चाहिए, ताकि यदि अन्य बच्चियां भी प्रभावित हुई हैं, तो उन्हें भी न्याय दिलाया जा सके।
जनभावना स्पष्ट: शिक्षा व्यवस्था में ऐसे अपराधों के लिए कोई स्थान नहीं
यह घटना न केवल एक शिक्षक द्वारा किए गए जघन्य अपराध को उजागर करती है, बल्कि यह शिक्षा संस्थानों की जवाबदेही और सुरक्षा व्यवस्था पर भी कठोर प्रश्नचिन्ह लगाती है। समाज और अभिभावकों की एक ही माँग है — दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले और लापरवाह जिम्मेदारों को भी बख्शा न जाए, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
Saket Verma
Author: Saket Verma

A professional journalist

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