गौरेला पेंड्रा मरवाही: मरवाही जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत कटरा में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। योजना का उद्देश्य ग्रामीण और गरीब परिवारों को रसोई गैस सुविधा उपलब्ध कराना था, लेकिन यहां कथित गड़बड़ी और सिलेंडरों की अदला-बदली ने इस योजना के लाभार्थियों को ठगा हुआ महसूस कराया है।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि HPC गैस गोदाम मरवाही से भेजे गए सिलेंडरों को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम में रखा गया था, लेकिन अब तक उनका वितरण नहीं किया गया। ग्रामीण दया राम ने बताया कि भरे हुए सिलेंडरों को गोदाम में चोरी-छिपे बाहर खपाया गया और उनकी जगह खाली सिलेंडर रख दिए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सिलेंडर गांव तक पहुंच चुके थे तो उनका वितरण क्यों नहीं हुआ और आखिरकार गरीबों का हक किसके द्वारा मारा गया।
सूत्रों के अनुसार, कटरा गोदाम में योजना के तहत करीब 400 सिलेंडर रखे गए थे। इस पूरे फर्जीवाड़े में गोदाम प्रभारी दीपक बनाफर का नाम सामने आया है। ग्रामीणों का कहना है कि सिलेंडरों की अदला-बदली के पीछे सिर्फ स्थानीय साजिश नहीं बल्कि एक बड़े नेटवर्क की संभावना भी खारिज नहीं की जा सकती।
इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना गरीब परिवारों के लिए शुरू की गई थी ताकि उन्हें रसोई गैस सुविधा मिल सके, लेकिन भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के कारण वास्तविक लाभार्थियों तक इसका लाभ नहीं पहुँच पा रहा। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले ने पूरे क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी है और लोग प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल जिला प्रशासन या संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन ग्रामीणों की नाराजगी और सवालों की लंबी फेहरिस्त इस घटना को गंभीर रूप दे रही है।
इस प्रकार यह मामला सिर्फ कटरा गांव तक सीमित नहीं लगता, बल्कि उज्ज्वला योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के संभावित पैटर्न की तरफ भी इशारा करता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह केवल एक स्थानीय घोटाला नहीं बल्कि योजना की विश्वसनीयता को भी प्रभावित कर सकता है।
Author: Ritesh Gupta
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