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पेंड्रा में गणेशोत्सव ने दिखाई अद्भुत सर्व धर्म समरसता, दुर्गा चौक पुरानी बस्ती बना साम्प्रदायिक सौहार्द का केन्द्र,

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पेंड्रा। गणेशोत्सव के अवसर पर इस बार पेंड्रा का दुर्गा चौक पुरानी बस्ती चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां पर भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा को विशेष रूप से जगन्नाथ स्वामी के स्वरूप में स्थापित किया गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। यह स्वरूप न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा बल्कि समाज में सद्भाव, एकता और भाईचारे का अद्वितीय संदेश भी देता दिखाई दिया।
पूरे आयोजन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इस धार्मिक उत्सव में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समाज के लोग एक साथ उपस्थित होकर शामिल हुए। सभी समुदायों के लोगों ने आरती, पूजा-पाठ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर यह सिद्ध कर दिया कि धर्म का असली उद्देश्य आपसी मेल-जोल और भाईचारा बढ़ाना है, न कि लोगों को बांटना।
आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि हर साल यहां गणेशोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार भगवान गणेश जी को जगन्नाथ स्वरूप में विराजमान करना एक नया प्रयास था। इस रूप में भगवान को देखकर श्रद्धालु विशेष रूप से आकर्षित हुए और “जय गणेश – जय जगन्नाथ” के जयकारे पूरे क्षेत्र में गूंजते रहे।पूजा-अर्चना और आरती के बाद विशाल भंडारा प्रसाद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सभी समुदायों के लोग एक साथ मिलकर प्रसाद बनाने, वितरण करने और ग्रहण करने में शामिल हुए। क्षेत्र के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने प्रसाद पाकर हर्ष और संतोष व्यक्त किया।
इस आयोजन में उपस्थित नागरिकों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में भाईचारे, शांति और एकता को मजबूत करते हैं। एक मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि ने कहा – “गणपति बप्पा सबके हैं। यहां आने से लगता है कि हम सब एक ही परिवार का हिस्सा हैं।” वहीं, ईसाई समाज की एक महिला ने कहा – “यहां आकर हमें लगता है कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।” कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों ने भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। साथ ही समिति ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए सभी से गणेश विसर्जन के समय मिट्टी और प्राकृतिक मूर्तियों का उपयोग करने की अपील की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि दुर्गा चौक पुरानी बस्ती वर्षों से ऐसे आयोजनों के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन इस बार का आयोजन विशेष रूप से यादगार बन गया है क्योंकि इसमें पूरे क्षेत्र ने धर्म, जाति और मजहब से ऊपर उठकर एकता का परिचय दिया। क्षेत्र के सामाजिक संगठनों ने भी आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह पेंड्रा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल है।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

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