मरवाही/रितेश गुप्ता। ग्राम पंचायत सेमरदर्री के पूर्व सचिव स्वर्गीय राजेश कुमार सुमन की आत्महत्या के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। घटना के पीछे ब्लैकमेलिंग और धमकी जैसे गंभीर आरोपों के संकेत मिल रहे हैं। इसे लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन तहसील शाखा मरवाही, जिला गौरेला-पेंड्रा- मरवाही एवं सचिव संघ जीपीएम ने सोमवार, 8 सितम्बर 2025 को प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
प्रतिनिधि मंडल ने आत्महत्या की घटना को संदिग्ध बताते हुए कहा कि राजेश सुमन को लगातार मानसिक दबाव और धमकियों का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया होगा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया कि मृतक सचिव के मोबाइल कॉल डिटेल निकलवाकर जांच की जाए, ताकि यह साफ हो सके कि किन परिस्थितियों में उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा और इसके पीछे किन लोगों की भूमिका रही।
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के नाम का ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मरवाही सुश्री निकिता मरकाम और थाना प्रभारी मरवाही को सौंपा गया। कर्मचारियों और अधिकारियों ने कहा कि मामले को दबाने या हल्के में लेने की कोशिश की गई तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी। उन्होंने यह भी मांग रखी कि मृतक सचिव के परिवार को उचित मुआवजा और सुरक्षा प्रदान की जाए।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में इंद्रपाल चंद्रा, किशन राठौर, कमाल खान, के.डी. मिश्रा, विनोद राय, श्रीमती संगीता कौशिक, नान्हू बघेल, ज्योति गुप्ता, धीरज तिवारी, राम सिंह लोधाम, राजकुमारी श्याम, प्रीति उदय, लक्ष्मीकांत मास्को, संजू राय, सरिता सोनवानी, अजय आर्मो, प्रीतम सिंह, प्रदीप राय, गीता मार्को, मूल विजय सिंह, जनार्दन सिंह पूरी, झमेल कुमार ओट्टी, रानू सिंह आर्मो और सदन सिंह सिंन्द्राम समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी और पदाधिकारी मौजूद रहे।
कर्मचारी संगठनों ने इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीर बताते हुए कहा है कि यदि पारदर्शी जांच नहीं हुई और दोषियों को सजा नहीं मिली तो सचिव संघ और फेडरेशन उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। फिलहाल पूरे क्षेत्र में इस आत्महत्या प्रकरण को लेकर गहरी संवेदना और आक्रोश दोनों ही देखने को मिल रहा है।
Author: Ritesh Gupta
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