गौरेला–पेंड्रा–मरवाही में ठेकेदारी का ‘काला चेहरा’ उजागर! नरेंद्र सोनकर पर अधूरे निर्माण, वसूली, मनमानी और तकनीकी लापरवाही के गंभीर आरोप—
गौरेला–पेंड्रा–मरवाही क्षेत्र में ठेकेदार नरेंद्र सोनकर इन दिनों लोगों के गुस्से के केंद्र में है। कई भवन मालिकों ने एक के बाद एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि निर्माण कार्य के नाम पर ठेकेदार ने मोटी रकम वसूली, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया और बार-बार अतिरिक्त पैसों की मांग करते हुए लोगों को धमकाने तक से परहेज़ नहीं किया। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सोनकर का यह रवैया अब “आदत” बन चुका है, और हर दूसरे ग्राहक को आधा-अधूरा काम थमा कर भाग जाना इसकी पहचान बन चुकी है।
सबसे बड़ा आरोप श्रीमती बबीता सिंह यादव ने लगाया है, जिन्होंने कहा कि ठेकेदार ने उनसे अनुबंध राशि का लगभग पूरा पैसा ले लिया, लेकिन 45 प्रतिशत से ज्यादा निर्माण अब भी अधूरा है। उनका कहना है कि जब उन्होंने तकनीकी खामियों पर सवाल उठाए और संघ के पदाधिकारियों ने भी सुधार की बात कही, तब ठेकेदार ने न सिर्फ़ सुधारने से इंकार कर दिया बल्कि साफ-साफ कह दिया कि उसे किसी कोर्ट-कचहरी का डर नहीं है, “जो करना है कर लो।” श्रीमती यादव का आरोप है कि ठेकेदार ने उनके सपनों के घर को लापरवाही और मनमानी की भेंट चढ़ा दिया और अब उन्हें मानसिक व आर्थिक दोनों तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इसी तरह, राजेश तुर्केल ने भी ठेकेदार के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ठेकेदार ने समय से पहले पैसा ले लिया और निर्माण अधूरा छोड़कर गायब हो गया, जिसके कारण उन्हें मजबूर होकर किसी और ठेकेदार से काम पूरा कराना पड़ा। तुर्केल का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम ने उन्हें भारी मानसिक तनाव में डाल दिया और ठेकेदार की हरकतें पेशेवर व्यवहार से बिल्कुल विपरीत हैं।
स्थानीय लोगों का भी कहना है कि यह कोई अलग-थलग मामले नहीं हैं। आरोप यह भी है कि सोनकर बिना उचित लाइसेंस के काम करता है, सुरक्षा मानकों की अनदेखी करता है और कुछ मामलों में नाबालिग बच्चों से जोखिमपूर्ण काम करवाने की भी शिकायतें सामने आई हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे ठेकेदारों की वजह से आम नागरिकों का भरोसा टूट रहा है और उनके सपनों का घर अधर में लटक जाता है।
पीड़ितों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि यदि अब भी जांच कर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में और लोग इस तरह की मनमानी, धोखाधड़ी और अधूरे निर्माण के शिकार बनेंगे। क्षेत्र में बढ़ते आक्रोश ने साफ संकेत दे दिए हैं कि अब लोग चुप नहीं बैठने वाले हैं और इस मामले को लेकर आवाज़ और बुलंद होगी।
Author: Ritesh Gupta
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