कर्मचारियों अधिकारियों के 3 दिवसीय हड़ताल पर जाने से कार्यालयों में कामकाज रहा ठप्प
जीपीएम जिले में है हड़ताल का व्यापक असर, सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए धरना प्रदर्शन में
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर “मोदी की गारंटी” पूर्ण करने सहित 11 सूत्रीय मांगो को लेकर सभी विभागों के कर्मचारियों का हड़ताल शुरू
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही। (दिनांक 29 दिसम्बर 2025) :छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर 29 दिसम्बर, सोमवार से सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर धरना स्थल ज्योतिपुर पेण्ड्रारोड में 3 दिवसीय धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया गया है। गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में हड़ताल के पहले ही दिन व्यापक असर देखने को मिला। जिले के हजारों कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से सभी दफ्तरों में कामकाज प्रभावित रहे, वहीं स्कूलों में भी पढ़ाई ठप्प रही। यह हड़ताल 31 दिसम्बर तक चलेगा। इस बीच शासन के द्वारा यदि फेडरेशन के प्रदेश पदाधिकारियों से उनके मांगो के संबंध में बातचीत नहीं किया जाता है, तो कार्यालयों में काम कराने जाने वाले आम नागरिकों को दो दिन और परेशान होना पड़ेगा।
बता दें कि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा “मोदी की गारंटी” नाम से घोषणा पत्र जारी कर कर्मचारियों से केंद्र सरकार के समान मंहगाई भत्ता सहित विभिन्न मागों को पूरा करने का वायदा किया था। जिसे पूरा नहीं किए जाने से प्रदेश भर के लगभग 5 लाख कर्मचारियों अधिकारियों में भाजपा सरकार के प्रति असंतोष है। इसलिए राज्य के 125 कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि संगठन कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा सरकार को अल्टीमेटम दिए जाने के बाद 3 दिवसीय हड़ताल शुरू किया गया है।
पहले दिन धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिले के कर्मचारी नेताओं ने भाजपा सरकार से आग्रह किया है कि, भारत देश के प्रधानमंत्री के नाम पर दिए गए ‘मोदी की गारंटी’ को लागू करके कर्मचारियों से किए गए वायदे को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि, शासन की समस्त योजनाओं को जमीनी स्तर पर कर्मचारियों के द्वारा क्रियान्वयन कराया जाता है, इसलिए कर्मचारियों से किए गए वायदे को पूरा किया जाना चाहिए। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि, पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने भी कर्मचारियों से वायदा खिलाफी किया था और मंहगाई भत्ता का एरियर्स राशि रोक लिया था, जिससे असंतुष्ट होकर कर्मचारी परिवारों ने भूपेश सरकार को बदलकर राज्य में भाजपा सरकार लाने में बहुत बड़ी भूमिका थी, उसके बावजूद कर्मचारियों को अपनी जायज मांग के लिए हड़ताल करना पड़ रहा है।
धरना प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में प्रमुख रूप से कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला संयोजक डॉ. संजय शर्मा, केबी दीक्षित, प्रवीण श्रीवास, सचिन तिवारी, राजकिशोर टंडन, प्रीतम कोशले, अक्षय नामदेव, प्रकाश रैदास, सत्य नारायण जायसवाल, अजय सप्रे, तीरथ प्रसाद बड़गैया, पीयूष गुप्ता, कविता शर्मा, किशन राठौर, बलराम मराबी, मुकेश निषाद, प्रकाश रैदास, मोनिका जैन, जेपी पैकरा, जनभान सिंह पैकरा, राकेश तिवारी, अभिषेक शर्मा, तुलसी महिलांगे, राजेश चौधरी, संजय सोनी, रामप्रमोद तिवारी, प्रवीण कौशिक, वीपी सिंह, आरके तिवारी, मुकेश सिंह ठाकुर इत्यादि कर्मचारी नेता शामिल थे। संचालन अजय चौधरी ने किया। धरना प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए।
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की ये है प्रमुख मांग :-
केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (डीए) लागू किया जाए। डीए एरियर्स की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित की जाए। सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए। लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए। प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए। पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए। अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए। प्रदेश में कैशलेश इलाज सुविधा लागू की जाए। अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए। दैनिक, अनियमित, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने। सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे, जैसे मांग शामिल हैं।
Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT









