सरकारी ज़मीन पर डामर सड़क और गेट निर्माण, दिग्गज कारोबारी व नेता का नाम चर्चा में
पेंड्रा, जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। पेंड्रा तहसील अंतर्गत ग्राम पेंड्रा में शासकीय भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा और निर्माण का मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ रसूखदार भू-माफियाओं ने खसरा नंबर 607/21 (क्षेत्र 0.1210 हेक्टेयर) और 607/22 (क्षेत्र 0.0570 हेक्टेयर) की भूमि पर पक्की डामर सड़क और भव्य गेट का निर्माण कर लिया है। बताया जाता है कि इस अवैध निर्माण का उद्देश्य पास की कृषि भूमि को प्लॉटिंग के लिए आकर्षक बनाना और महंगे दामों पर बेचने का है।
शासन के रिकॉर्ड के अनुसार यह भूमि लोक निर्माण विभाग एवं सार्वजनिक मार्ग हेतु आरक्षित है, जिस पर किसी भी निजी व्यक्ति द्वारा निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद यहां सड़क डामरीकरण और गेट निर्माण का कार्य किया गया, जिसे लेकर स्थानीय नागरिकों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सब संबंधित विभागों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता। इस मामले में जिले के एक दिग्गज कारोबारी और प्रभावशाली नेता का नाम भी चर्चा में है, जिनकी पहचान भू-कारोबार और राजनीतिक रसूख के लिए जानी जाती है।
शिकायतकर्ता ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत एसडीएम पेंड्रा को सौंपी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि शासकीय भूमि का उपयोग अवैध कॉलोनी के लिए मार्ग के रूप में किया जा रहा है और सरकारी जमीन के एक सिरे पर मुख्य गेट का निर्माण कर उसे कॉलोनी का प्रवेश द्वार बना दिया गया है। यह भूमि ग्राम पेंड्रा से पेंड्रा रोड मुख्य मार्ग पर स्थित है और पूरी तरह शासकीय संपत्ति है। शिकायत में यह भी उल्लेख है कि यह कृत्य छत्तीसगढ़ नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम, भू-राजस्व संहिता और लोक निर्माण विभाग के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
आवेदन में मांग की गई है कि राजस्व, नगर निवेश, लोक निर्माण विभाग एवं नगर पालिका के संयुक्त निरीक्षण से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, शासकीय भूमि से डामर सड़क, गेट निर्माण और अवैध प्लॉटिंग को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और सीमांकन कर सुरक्षित बाउंड्री का निर्माण किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के अतिक्रमण दोबारा न हो सकें।
अब पूरा मामला राजस्व अधिकारियों की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि किस व्यक्ति द्वारा यह अवैध कब्जा किया गया है और किसके संरक्षण में शासकीय भूमि को निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT