गौरेला पेंड्रा मरवाही/रितेश गुप्ता: “छत्तीसगढ़ में भाजपा की डबल इंजन सरकार के डेढ़साल बीत चुके हैं, मगर राज्य के 5 लाख शासकीय कर्मचारी और उनके परिजन अब भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा से वंचित हैं! क्या यही है अच्छे शासन का दावा? कर्मचारी संगठनों ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव ,एवं मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर करारा सवाल उठाया — “जब मध्यप्रदेश और गुजरात में सभी शासकीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मेडिकल कैशलेस सुविधा दी जा सकती है, तो छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं?”
👉 उल्लेखनीय है कि गुजरात और मध्यप्रदेश — दोनों ही भाजपा शासित राज्य हैं, और वहां मुख्यमंत्रियों ने स्वयं घोषणा कर यह व्यवस्था लागू की है। छत्तीसगढ़ में भी वही पार्टी सत्ता में है, फिर यह भेदभाव क्यों?”गुजरात-मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को कैशलेस इलाज… फिर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी क्यों ठगे जाएं?”
उपरोक्त विषयांतर्गत संदर्भित पत्र के तारतम्य में लेख है आदरणीय से निवेदन है कि उपरोक्त पत्र के माध्यम से जो प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं उसका संज्ञान लेते हुए छत्तीसगढ़ के 5 लाख कर्मचारी और उनके आश्रित परिवार के स्वास्थ के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने हेतु शीघ्र उचित कार्यवाही करने की कृपा करेंगे। महोदय को ज्ञात हो कि हमारा पड़ोसी राज्य गुजरात और मध्यप्रदेश में जहां भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार है, वहां के मुख्य मंत्री जी ने मध्य प्रदेश और गुजरात के सभी शासकीय कर्मचारी, पेंशनर एवं उनके परिवार के सदस्यों को मेडिकल कैशलेश सुविधा देने की घोषणा कर दी है।
चुकी हमारे छत्तीसगढ़ में भी डबल इंजन की सरकार है, इसी आशा से की कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को महोदय के द्वारा मेडिकल कैशलेश रूपी उपहार प्रदान किया जाएगा, जिससे समस्त कर्मचारी और उनका परिवार आपका आभारी होगा।आज के इस ज्ञापन में जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश सोनवानी प्रदेश पदाधिकारी सत्यनारायण जायसवाल ,दिनेश राठौर,अजय चौधरी,कैलाश,भागीरथी,राजेश, सुपेत मरावी,धर्मेंद्र,जाहिर आबाद,प्रीतम कौशल,मोहन मिश्रा,मुकेश कोरी,तबरेज खान पीयूष विश्वकर्मा अन्य सभी कर्मचारी उपस्थित थे

Author: Ritesh Gupta
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