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पेंड्रा नगर पालिका परिषद में स्ट्रीट लाइट टेंडर में बड़ा फर्जीवाड़ा, कलेक्टर से जांच की मांग! बिना TDR के टेंडर ओपन, CMO और इंजीनियर पर मिलीभगत से 15 लाख रुपये की अनियमितता का आरोप

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पेंड्रा (जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)।नगर पालिका परिषद पेंड्रा एक बार फिर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के केंद्र में है। इस बार मामला है सेमरा तिराहा से दुर्गा चौक बस स्टैंड तक स्ट्रीट लाइट लगाए जाने के लिए निकाले गए ई-टेंडर में अनियमितता और नियमों के उल्लंघन का, जिसमें नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO), इंजीनियर और एक ठेकेदार की सांठगांठ से शासन को लाखों रुपये की आर्थिक क्षति पहुँचाने का आरोप लगा है।
टेंडर प्रक्रिया में घपला: नियम ताक पर
नगर पालिका परिषद पेंड्रा द्वारा 47.66 लाख रुपये की अनुमानित लागत से स्ट्रीट लाइट कार्य हेतु ई-निविदा क्रमांक 160989 प्रकाशित की गई थी। इस निविदा में कुल आठ फर्मों ने भाग लिया, लेकिन तकनीकी मूल्यांकन के बाद पाँच फर्मों को अपात्र घोषित कर दिया गया और केवल तीन फर्म —
1. एसएनबी इलेक्ट्रिकल्स (जांजगीर-चांपा)
2. आलोक अग्रवाल (पेंड्रा)
3. अन्नपूर्णा फर्नीचर (भिलाई)
— को पात्र बताया गया।
हालांकि, नियमों के अनुसार, यदि पात्र निविदाकारों की संख्या तीन से कम हो जाती है, तो निविदा को रद्द कर पुनः आमंत्रित किया जाना चाहिए। लेकिन यहां मामला और भी गंभीर है — अन्नपूर्णा फर्नीचर द्वारा TDR (टेंडर डिपॉजिट रिसिप्ट) जमा ही नहीं किया गया था, बावजूद इसके उसका लिफाफा ‘B’ (वित्तीय प्रस्ताव) भी खोल दिया गया।
CMO-इंजीनियर की भूमिका संदेह के घेरे में
सूत्रों का आरोप है कि नगर पालिका परिषद के CMO, इंजीनियर और ठेकेदार ‘एसएनबी इलेक्ट्रिकल्स’ की मिलीभगत से यह निविदा नियमों को दरकिनार कर स्वीकृत की गई। आरोप है कि 10% अधिक दर पर कार्य को स्वीकृति दी गई, जिससे शासन को लगभग 15 लाख रुपये का सीधा नुकसान हुआ। यदि यह कार्य किसी अन्य विभाग के माध्यम से होता, तो विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिस्पर्धा के चलते कम से कम 20% तक कम दरें प्राप्त होतीं, जिससे बड़ी राशि की बचत संभव थी।
डिजाइन और निर्माण में भी अनदेखी
जांच की मांग के बीच एक और बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। लोक निर्माण विभाग द्वारा भविष्य के सड़क चौड़ीकरण के लिए आरक्षित साइड सोल्डर क्षेत्र को भी अतिक्रमण कर डामर सड़क से सटा कर पोल लगाए जा रहे हैं। जानकारों के अनुसार, इससे भविष्य में सड़क चौड़ीकरण की स्थिति में पूरा पोल स्ट्रक्चर हटाना पड़ेगा, जो कि अतिरिक्त व्यय और जनधन की बर्बादी को दर्शाता है।
पूर्व में भी सामने आ चुके हैं फर्जीवाड़े
यह पहली बार नहीं है जब पेंड्रा नगर पालिका परिषद की ऑनलाइन निविदाओं पर उंगली उठी हो। पूर्व में भी कई निविदाओं में तकनीकी और वित्तीय अनियमितता की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन प्रशासनिक संरक्षण के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी।
भाजपा युवा मोर्चा ने कलेक्टर को सौंपा शिकायत पत्र
इस पूरे प्रकरण को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अंकुर गुप्ता, श्रीकांत चतुर्वेदी और सौरभ अग्रवाल ने जिला कलेक्टर को एक लिखित शिकायत सौंपते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही, उन्होंने निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार से जुड़ा कोई और कार्य आगे न बढ़ सके

शिकायत की प्रतिलिपि नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव, नगरीय प्रशासन संचालनालय के संचालक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि नगर पालिका प्रशासन नियमों की खुली अवहेलना कर निजी स्वार्थ और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।
प्रशासन की अग्नि परीक्षा: क्या होगी दोषियों पर कार्रवाई?
अब बड़ा सवाल यही है कि क्या प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगा, या फिर यह शिकायत भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दबी रह जाएगी? नगर पालिका की साख दांव पर है और जनता जवाब और न्याय दोनों चाहती है।

Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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