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पेंड्रा नगर पालिका का ‘भ्रष्टाचार महाकुंभ’ — निलंबित इंजीनियर स्वप्निल मिश्रा और CMO फंसे 15 लाख के टेंडर घोटाले में, अध्यक्ष के गुर्गों ने खबर प्रकाशित करने वालों को ग्रुप से हटाया!
पेंड्रा (जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)। पेंड्रा नगर पालिका एक बार फिर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरी है। करोड़ों के DMF घोटाले में निलंबित हो चुके विवादित सब इंजीनियर स्वप्निल मिश्रा और CMO पर अब 47.66 लाख रुपये के स्ट्रीट लाइट टेंडर घोटाले में दोषी पाए जाने का मामला सामने आया है।
बिना TDR के फर्म को पात्र घोषित, 15 लाख का सीधा नुकसान
ई-निविदा क्रमांक 160989 में अन्नपूर्णा फर्नीचर एंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन रायपुर ने TDR (टेंडर डिपॉजिट रिसिप्ट) जमा ही नहीं की थी, फिर भी उसका वित्तीय प्रस्ताव खोलकर पात्र घोषित कर दिया गया। कलेक्टर जांच में यह कृत्य पूरी तरह नियम विरुद्ध और किसी खास ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया पाया गया।
पुराने घोटालों का मास्टरमाइंड
स्वप्निल मिश्रा पहले भी खनिज न्यास निधि (DMF) से करोड़ों रुपये के काम में गुणवत्ताहीन निर्माण और तकनीकी स्वीकृति के विपरीत कार्य करने पर कलेक्टर प्रियंका महोबिया द्वारा निलंबित किया जा चुका है।
अध्यक्ष और गुर्गों की दबंगई —, पत्रकार और एक्टिविस्ट निशाने पर
जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी संरक्षण जारी है। आरोप है कि नगर पालिका अध्यक्ष और उनके करीबी गुर्गों ने पत्रकारों और सोशल मीडिया एक्टिविस्टों को डराने-धमकाने के साथ-साथ व्हाट्सऐप व फेसबुक ग्रुप से बाहर करवा दिया।
जो बोलेगा, वही निकलेगा’ का नया नियम
स्थानीय लोग और पत्रकार कह रहे हैं — “अब नगर पालिका पेंड्रा में सच बोलना सबसे बड़ा गुनाह है। जो घोटाले का सच दिखाएगा, उसे ग्रुप से बाहर कर दिया जाएगा।”
सोशल मीडिया पर #भ्रष्टाचार_एक्सप्रेस, #PendrarScam और #सच_कड़वा_है ट्रेंड कर रहे हैं।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT