–गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 16 जून 2025। जिले की सकोला तहसील अंतर्गत ग्राम सेखवा में स्थित शासकीय जंगल मद की जमीन पर वर्षों से अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह भूमि बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज थी, जिस पर किसी भी तरह का निजी स्वामित्व या निर्माण निषिद्ध है। इसके बावजूद कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा इस भूमि पर कब्जा कर मकान, बाड़ी, बोरिंग आदि बनवा लिए गए हैं।
सूचना के अधिकार अधिनियम का भी खुलेआम उल्लंघन
शिकायतकर्ता द्वारा इस पूरे मामले की जानकारी के लिए तीन बार सूचना के अधिकार (RTI) के तहत आवेदन दायर किए गए, लेकिन SDM कार्यालय ने एक भी बार जवाब नहीं दिया। यह न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है बल्कि इस बात का भी संकेत है कि अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध हो सकती है।
1.5 साल बाद भी कार्रवाई नहीं
दिसंबर 2023 में इस मामले की लिखित शिकायत संबंधित अधिकारियों को की गई थी, लेकिन आज तक न कोई जांच रिपोर्ट सामने आई है, न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि बार-बार निवेदन के बावजूद जिला प्रशासन इस मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है।
मामले में तहसील से लेकर जिला कार्यालय तक मिलीभगत की आशंका,,,
शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भूमि के अवैध क्रय-विक्रय और कब्जे की पूरी प्रक्रिया बिना किसी वैध अनुमति और प्रक्रिया के पूरी की गई है। इसमें संबंधित पटवारी, तहसीलदार, और अन्य राजस्व अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई गई है।
शिकायतकर्ता की मांग
RTI आवेदनों की अनदेखी के लिए SDM कार्यालय पर कानूनी कार्रवाई हो। अवैध रूप से नामांतरित भूमि को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर शासकीय भूमि के रूप में बहाल किया जाए। अवैध कब्जाधारियों और इसमें शामिल अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए।
यह मामला न केवल भूमि अतिक्रमण का है, बल्कि शासन-प्रशासन की जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। RTI की अनदेखी कर सूचना छुपाना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की नींव पर हमला है।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT