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प्रदेश में जंगलराज: 10,348 एकड़ वन भूमि पर कब्जा, बुलडोजर चलने के बाद मचा हड़कंप! अब मरवाही वनमंडल भी माफियाओं के कब्जे में, DFO मूकदर्शक

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📍 रायपुर/मरवाही | 15 जून 2025 | विशेष रिपोर्ट | Lallanguru News
छत्तीसगढ़ में जंगल की जमीन पर जबरन कब्जा अब विकराल रूप ले चुका है। वन विभाग की हालिया रिपोर्ट ने प्रदेश की लचर व्यवस्था की पोल खोल दी है — पूरे प्रदेश में 10,348 एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्जा जमाया गया है। यह कब्जा सिर्फ एक साल या दो साल में नहीं हुआ, बल्कि वर्षों से प्रशासनिक मिलीभगत और राजनीतिक संरक्षण से चला आ रहा है।
🚜 अंबिकापुर में चला बुलडोजर, 39 मकान जमींदोज
अतिक्रमण पर नकेल कसते हुए वन विभाग ने अंबिकापुर के चोरखा कछार गांव में 39 अवैध मकानों पर बुलडोजर चला दिया। करीब 3 एकड़ जमीन मुक्त कराई गई। मौके पर भारी पुलिस बल और अफसरों की मौजूदगी में कार्रवाई की गई ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न हो।
🆘 अब मरवाही में जंगल की लूट: सैकड़ों एकड़ जमीन पर कब्जा, DFO की चुप्पी चौंकाने वाली
प्रदेशभर की तरह मरवाही वनमंडल भी माफियाओं के निशाने पर है। यहां सैकड़ों एकड़ वन भूमि पर माफिया, भू-तस्कर और स्थानीय प्रभावशाली लोग कब्जा जमाए बैठे हैं। जंगल की जमीन पर मकान, दुकानें, खेती और प्लॉटिंग खुलेआम चल रही है।
👉 सबसे गंभीर बात यह है कि DFO मरवाही की इस पर चुप्पी बनी हुई है। शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं, कोई निरीक्षण नहीं और न ही किसी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने कई बार इस पर आपत्ति जताई है, लेकिन वन विभाग की चुप्पी माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत की तरफ इशारा करती है।
🔥 कहां कितना कब्जा — पूरी रिपोर्ट:
धमतरी: 2,997 एकड़
बलरामपुर: 1,734 एकड़
कांकेर: 1,284 एकड़
महासमुंद: 1,124 एकड़
मरवाही (अप्रकाशित आंकड़े): सैकड़ों एकड़ भूमि पर कब्जा अनुमानित
📉 पिछले एक साल में 1613 एकड़ ही खाली कराई गई
वन विभाग ने दावा किया है कि 2024-25 में अब तक 1,613 एकड़ जमीन खाली कराई गई, जो कि 10,000+ एकड़ के मुकाबले एक मजाक लगता है।
📆 वन विभाग की कार्रवाई की तारीखें:
2 जून 2025: सीतापुर, मुबारकपुर – 15 एकड़ खाली
7 जून 2025: बलरामपुर – 100 एकड़ पर कार्रवाई
12 जून 2025: सूरजपुर, सोंकरपुर – 61 मकान हटाए
15 जून 2025: अंबिकापुर, चोरखा कछार – 3 एकड़ मुक्त, 39 मकान ढहाए
📣 जनता का आक्रोश और सवाल:
1. जब जंगल की जमीन पर कब्जा हो रहा था, तब वन विभाग क्या कर रहा था?
2. मरवाही जैसे संवेदनशील वन क्षेत्र में DFO की निष्क्रियता के पीछे कौन से राजनीतिक या माफियाई ताकतें हैं?
3. क्या सरकार भू-माफियाओं के आगे झुक गई है?
🔚 अब नहीं रुका तो खत्म होगा जंगल
अगर सरकार अब भी आंखें मूंदे रही, तो आने वाले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ का जंगल केवल भूगोल की किताबों और सरकारी रिपोर्टों में शेष रह जाएगा।
✍️ रिपोर्ट: रितेश कुमार गुप्ता, संपादक – Lallanguru News
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

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