Search
Close this search box.

कोरबा ब्रेकिंग: मनरेगा में फर्जीवाड़ा, कार्यक्रम अधिकारी कर्मवीर बर्खास्त – कलेक्टर की सख्त कार्रवाई

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

कोरबा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कार्यक्रम अधिकारी (PO) एम. आर. कर्मवीर को बर्खास्त कर दिया है। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने और जवाब संतोषजनक न होने के बाद यह निर्णय लिया गया। कलेक्टर की इस कार्रवाई ने उन अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा दिया है जो वर्षों से भ्रष्ट आचरण में संलिप्त हैं।
जानकारी के अनुसार, कर्मवीर कई वर्षों से पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत में पदस्थ रहते हुए मनरेगा के कार्यों में लगातार गड़बड़ियां कर रहे थे। उनके खिलाफ कई शिकायतें सामने आई थीं। उस दौरान जनपद में CEO के रूप में पदस्थ भुनेश्वर सिंह राज (जो वर्तमान में DMF घोटाले में जेल में हैं) के साथ मिलकर कर्मवीर ने मनरेगा फंड का दुरुपयोग किया।
सीईओ के तबादले के बाद राधेश्याम मिर्झा के कार्यकाल में कर्मवीर ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए, स्थानांतरित हो चुके पूर्व CEO भुनेश्वर सिंह राज के डिजिटल सिग्नेचर (DSC) का अवैध उपयोग करते हुए मनरेगा राशि का भुगतान जारी रखा। यह कार्य बिना वर्तमान CEO की जानकारी और अनुशंसा के किया गया।
जैसे ही इस फर्जीवाड़े की जानकारी CEO मिर्झा को हुई, उन्होंने तत्काल जांच समिति गठित करवाई। इस बीच, कर्मवीर ने अपना तबादला कटघोरा करवा लिया, लेकिन जांच जारी रही। जांच में भारी आर्थिक अनियमितताओं का खुलासा हुआ।
4.70 करोड़ रुपये की अनियमितता
जांच में पाया गया कि 12 सितम्बर 2022 से 7 नवम्बर 2022 के बीच कर्मवीर ने CEO की अनुशंसा के बिना और बिना किसी अधिकृत दस्तावेजी नस्ती के मनरेगा के विभिन्न मदों में कुल 4.70 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान कर दिया:
मजदूरी मद – ₹4,20,49,571
सामग्री मद – ₹9,84,320
प्रशासकीय मद – ₹33,04,548
अर्द्धकुशल मजदूरी मद – ₹7,11,046
कुल मिलाकर कर्मवीर द्वारा की गई वित्तीय गड़बड़ी छत्तीसगढ़ संविदा नियुक्ति नियम 2012 के तहत गंभीर पाई गई। नियमों के बिंदु क्रमांक 11 की उपधारा (5) के अंतर्गत उन्हें एक माह का वेतन देकर सेवा से पृथक कर दिया गया है।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

Leave a Comment

और पढ़ें