कोटमी-सकोला | श्रावण मास की शिवभक्ति अपने चरम पर है। इसी पावन अवसर पर सोनेश्वर महादेव कांवरिया दल के सैकड़ों श्रद्धालु शनिवार को कोटमी-सकोला से पदयात्रा पर निकले थे। आज सुबह, यात्रा के तीसरे दिन कांवरिए सोन नदी तट पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने अमरकंटक की नर्मदा नदी से लाया गया पवित्र जल भगवान भोलेनाथ को अर्पित किया!जयकारों और मंत्रोच्चारण के बीच सोन नदी किनारे शिवभक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। कांवरियों ने विधिवत जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की और भोलेनाथ से सुख, शांति और कल्याण की कामना की। जल अर्पण के साथ ही दल ने सावन की इस विशेष यात्रा का अंतिम चरण पूर्ण किया।
अमरकंटक से शुरू हुई थी पदयात्रा
इस पदयात्रा की शुरुआत शनिवार सुबह 10 बजे कोटमी से अमरकंटक के लिए हुई थी। दोपहर 3 बजे कांवरिए अमरकंटक पहुँचकर नर्मदा नदी से जल भरने के बाद जलेश्वर महादेव मंदिर में अभिषेक कर चुकतीपानी ग्राम के शासकीय स्कूल में रात्रि विश्राम किए। रविवार सुबह दल आगे बढ़ा और गौरेला स्थित अग्रसेन भवन में भोजन-विश्राम के बाद शाम तक सोनेश्वर महादेव मंदिर सकोला पहुँचा।
सोमवार की शुरुआत जलाभिषेक से
आज सोमवार सुबह, कांवरियों ने सोन नदी के तट पर पहुँचकर सबसे पहले सामूहिक रूप से स्नान किया। इसके बाद अमरकंटक से लाए गए पवित्र नर्मदा जल को भगवान भोलेनाथ को अर्पित किया गया। मंदिर में विशेष रुद्राभिषेक, आरती, और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। पूजा-पाठ के बाद कांवरिए हनुमान मंदिर के दर्शन कर श्रद्धा के साथ सकोला-कोटमी की ओर रवाना हुए।
इन ग्रामों से जुड़ते हैं श्रद्धालु
इस पदयात्रा में सकोला, कोटमी, मड़ई, सेखवा, देवरीकला और दमदम ग्रामों के कांवरिए शामिल होते हैं। यह यात्रा इन सभी गाँवों की साझी श्रद्धा और शिवभक्ति का प्रतीक बन गई है।
भक्ति में डूबे रहे व्यवस्थापक, दिखा अनुशासन
इस यात्रा में शामिल लोग केवल श्रद्धालु नहीं बल्कि सोनेश्वर महादेव बोलबम समिति के सक्रिय व्यवस्थापक एवं संयोजक भी हैं, जिन्होंने पूरी यात्रा को अनुशासन और सेवा भाव से संपन्न कराया। पुरुष, महिलाएं, युवा और बच्चे सभी भक्ति में लीन नजर आए। पूरे मार्ग में जलपान, सेवा शिविर, और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था समाजसेवियों एवं समिति के सहयोग से की गई।
समिति के सदस्य और सहयोगी
सोनू जायसवाल, संजय शुक्ला, संजू गुप्ता, पिंटू गुप्ता, राजकमल केशरी, जयप्रकाश पांडेय, विक्की गुप्ता, आईता जायसवाल, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, गन्नू गुप्ता, विजय गुप्ता, अमित केशरवानी, पवनचंद केशरवानी, बल्लू गुप्ता, मोनू गुप्ता, सोहन रजक, सोनू पाटकर, संतोष सोनी, जमुना समेत कई अन्य समिति सदस्य इस आयोजन में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
अंतिम सोमवार को होगा भंडारा
सोनेश्वर महादेव बोलबम समिति के द्वारा श्रावण के अंतिम सोमवार को विशेष भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इसमें आसपास के गाँवों के सैकड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
भक्ति, संस्कृति और समाज का संगम
सोनेश्वर महादेव कांवरिया दल, जिसकी स्थापना वर्ष 2006 में वैद्यराज सतीश शर्मा एवं उनकी सहयोगियों द्वारा की गई थी, आज क्षेत्र की एक मजबूत धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। यह यात्रा केवल शिवभक्ति ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सेवा और लोकसंस्कृति के प्रचार का माध्यम भी बन चुकी है।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT