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ktg news : कटघोरा का सांस्कृतिक भवन बना कूड़े का अड्डा.. नगर पालिका की लापरवाही से बदहाल व्यवस्था__

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ktg news : कटघोरा का सांस्कृतिक भवन बना कूड़े का अड्डा.. नगर पालिका की लापरवाही से बदहाल व्यवस्था__
कोरबा/कटघोरा | 16 दिसंबर 2025 : कटघोरा नगर के वार्ड क्रमांक 4 में स्थित सांस्कृतिक भवन आज अपनी बदहाल व्यवस्था और नगर पालिका की अनदेखी के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है। कभी सामाजिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक आयोजनों का केंद्र रहने वाला यह भवन अब अव्यवस्था, गंदगी और उपेक्षा की तस्वीर पेश कर रहा है। देखरेख की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद के अधीन होने के बावजूद भवन की स्थिति दिन-ब-दिन जर्जर होती जा रही है। सांस्कृतिक भवन का भीतरी हिस्सा भी क्षतिग्रस्त अवस्था में पहुंच चुका है। यहां बने शौचालय, सभागार कक्ष और अन्य कमरे टूट-फूट का शिकार हैं। साफ-सफाई और नियमित रखरखाव के अभाव में भवन की उपयोगिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सबसे गंभीर बात यह है कि नगर पालिका परिषद द्वारा इस सांस्कृतिक भवन को विवाह समारोह एवं अन्य आयोजनों के लिए किराए पर दिया जाता है। आरोप है कि कुछ लोगों को बिना किराया लिए भी भवन उपलब्ध करा दिया जाता है, जबकि निर्धारित किराया राशि भी अपेक्षाकृत बहुत कम है। इसके बावजूद आयोजनों के बाद साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की जाती। समारोह पश्चात बचा हुआ खाना, डिस्पोजेबल सामग्री और अन्य कचरा भवन परिसर के बाहर खुले में फेंक दिया जाता है।
इस लापरवाही का नतीजा यह है कि आसपास के क्षेत्र में दुर्गंध फैल रही है और मवेशी इन अपशिष्ट पदार्थों को खाते हुए नजर आते हैं। विशेष रूप से मांसाहार से जुड़ा कचरा खुले में फेंका जाना मवेशियों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है। मांस की हड्डियां और अन्य अवशेष कुत्तों द्वारा उठाकर बाजार मोहल्ला स्थित राधा कृष्ण मंदिर तक छोड़े जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंच रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर पालिका परिषद और स्थानीय प्रशासन का ध्यान इस समस्या की ओर आकर्षित कराया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न तो साफ-सफाई की स्थायी व्यवस्था की गई और न ही आयोजनों के बाद कचरा निस्तारण को लेकर कोई सख्त नियम लागू किए गए हैं।
नगर पालिका और प्रशासन की इस उदासीनता के चलते क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों की मांग है कि सांस्कृतिक भवन की नियमित साफ-सफाई, मरम्मत और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए, साथ ही आयोजनों के बाद कचरा निस्तारण की जिम्मेदारी तय की जाए। यदि शीघ्र ही ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थानीय लोग आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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