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कोरबा में अवैध रेत माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई: हीरू जायसवाल और कादिर खान के अड्डे पर छापा, 2000 ट्रैक्टर से अधिक रेत जप्त

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कोरबा में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई: अवैध रेत भंडारण पर छापा, 2000 ट्रैक्टर से अधिक रेत जप्त
भाजपा नेता के पुत्र हीरू जायसवाल और कांग्रेस नेता कादिर खान के नामों से जुड़ा मामला, खनिज विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
कोरबा। जिले में लंबे समय से चल रहे अवैध रेत कारोबार पर आखिरकार प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। शुक्रवार को खनिज विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए दो प्रमुख अवैध भंडारण स्थलों से 2000 से अधिक ट्रैक्टर रेत जप्त की। यह कार्रवाई कपाटमुड़ा-भैरोताल और बरमपुर क्षेत्र में की गई, जहां बड़ी मात्रा में रेत अवैध रूप से संग्रहित थी।
सूत्रों के अनुसार, कपाटमुड़ा-भैरोताल में लगभग 2000 ट्रैक्टर रेत का भंडारण पाया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस भंडारण स्थल का संबंध कांग्रेस नेता कादिर खान से है। वहीं बरमपुर क्षेत्र में भी 250 ट्रैक्टर रेत जब्त की गई, जिसे भाजपा नेता के पुत्र हीरू जायसवाल द्वारा संग्रहित किया गया बताया गया है। बरमपुर में दो अन्य स्थानों से भी 50–50 ट्रैक्टर रेत बरामद की गई।
कार्यवाही जिला कलेक्टर श्री अजीत वसंत के निर्देश पर की गई। उन्हें इस अवैध भंडारण की जानकारी विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई थी, जिसके बाद उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
संयुक्त टीम में दर्री सीएसपी श्री विमल कुमार पाठक, जिला खनिज अधिकारी श्री उत्तम खूंटे, कुसमुंडा थाना प्रभारी निरीक्षक श्री युवराज तिवारी और सर्वमंगला चौकी प्रभारी श्री विभव तिवारी सहित पुलिस एवं खनिज विभाग के अधिकारी एवं सिपाही शामिल रहे। जप्ती की कार्रवाई स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति में की गई, क्योंकि मौके पर किसी भी भंडारणकर्ता की उपस्थिति नहीं पाई गई। समस्त रेत की जप्ती कर विधिवत पंचनामा तैयार किया गया।
प्रशासन पर उठते सवाल
हालांकि इस कार्रवाई के बाद यह सवाल भी उठ रहे हैं कि यदि यह अवैध रेत कारोबार इतने लंबे समय से जारी था, तो अब तक विभागीय स्तर पर इसकी अनदेखी क्यों की गई? क्या इसमें कुछ अधिकारियों की निष्क्रियता या मिलीभगत रही?
पर्यावरणीय नुकसान की अनदेखी
विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर पर रेत का अवैध खनन न केवल राजस्व की क्षति है, बल्कि पर्यावरण और नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को भी गंभीर क्षति पहुंचा सकता है। अभी तक न तो पर्यावरणीय आकलन की प्रक्रिया शुरू हुई है, न ही नुकसान की भरपाई की दिशा में कोई स्पष्ट कदम सामने आए हैं।
आगे की कार्रवाई पर निगाहें
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले में आगे किस प्रकार की कानूनी प्रक्रिया अपनाता है। क्या दोषियों पर केवल जुर्माना लगाकर मामला समाप्त किया जाएगा या फिर उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, इस कार्रवाई से रेत कारोबार में संलग्न अन्य लोगों में हड़कंप की स्थिति है और प्रशासन के अगले कदम पर सभी की नजरें टिकी हैं।
रिपोर्ट: रितेश कुमार गुप्ता
संपादक, लल्लनगुरु एवं MPG न्यूज़
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

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