कोरबा/करतला। ग्राम पंचायत बेहरचुवा (जनपद पंचायत करतला) में मनरेगा योजना के तहत हुए पक्का फर्श (कोटना) निर्माण में भारी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जांच में पता चला कि कई हितग्राहियों के नाम पर राशि आहरित कर ली गई, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।
15 से अधिक फर्जी मामले सामने आए
शुरुआत में एक मामले की शिकायत आई थी, जिसमें लाभार्थी के नाम पर राशि निकाली गई लेकिन निर्माण नहीं हुआ। जब इस पर तहकीकात हुई तो एक नहीं बल्कि 15 से अधिक ऐसे मामले सामने आ गए। जांच टीम ने पाया कि जिनके नाम पर पैसा निकला, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी।
सिर्फ नोटिसबाजी, कार्रवाई ठप
मामला गंभीर होने के बावजूद अब तक विभागीय स्तर पर केवल नोटिस जारी करने की औपचारिकता निभाई गई है। जनपद पंचायत सीईओ और ग्राम रोजगार सहायक से जवाब-तलब किया गया है, लेकिन निलंबन, बर्खास्तगी या आपराधिक प्रकरण जैसी ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
फर्जी D.A.C. और संगठित भ्रष्टाचार का आरोप
ग्रामीणों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि ब्लॉक और जिला स्तर पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी वर्षों से फर्जी D.A.C. प्रक्रिया (डिमांड-अलॉटमेंट-कंजम्पशन) के जरिए ऐसे फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। शीर्ष अधिकारियों की उदासीनता भी इस घोटाले को और बड़ा बनाती है।
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल
इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों – चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष – की चुप्पी लोगों को खटक रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जनप्रतिनिधि दबाव बनाते तो अब तक दोषियों पर कार्रवाई हो चुकी होती।
लोगों की मांग – आपराधिक प्रकरण दर्ज हो
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की नोटिसबाजी से कुछ नहीं होने वाला। ऐसे मामलों में विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई अधिकारी या कर्मचारी गरीबों की योजना को लूटने की हिम्मत न कर सके।
Author: Ritesh Gupta
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