📍 कटघोरा, जिला कोरबा (छत्तीसगढ़)
🗓️ रिपोर्ट: 15 जून 2025 | विशेष संवाददाता, Lallanguru News नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा 10 जून से रेत खनन पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद कटघोरा क्षेत्र के मालदा घाट में अवैध रेत उत्खनन और भंडारण का खेल खुलेआम जारी है। मुक्तिधाम नदी के ठीक किनारे अवैध भंडारण संचालित किया जा रहा है, जबकि उक्त स्थान पर किसी प्रकार की रेत खदान स्वीकृत ही नहीं है।
❗ नियमों की खुली अवहेलना
NGT ने स्पष्ट आदेश दिया है कि मानसून अवधि (10 जून से अक्टूबर तक) में किसी भी प्रकार का रेत खनन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसके बावजूद मालदा घाट में दिन-रात ट्रैक्टरों की आवाजाही जारी है, जो इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि रेत माफिया सक्रिय हैं। यह अवैध कार्य प्रशासनिक मौन समर्थन के चलते बेखौफ होकर संचालित हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, यहां से निकाली गई रेत को दीपका, उत्तर प्रदेश और रेलवे प्रोजेक्ट्स में भेजा जा रहा है। दिनभर सैकड़ों ट्रैक्टर रेत गिराते हैं और रात के समय JCB और हाइवा की मदद से इसे बड़े पैमाने पर बाहर के राज्यों में तस्करी कर भेजा जाता है।
🕵️♂️ प्रशासन और माइनिंग विभाग की भूमिका संदिग्ध
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पूरा अवैध कारोबार माइनिंग विभाग की सरपरस्ती में संचालित हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारी जानबूझकर आंख मूंदे बैठे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी मशीनरी की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा रैकेट संभव नहीं है।
🙏 मुक्तिधाम की गरिमा पर आघात
भंडारण स्थल मुक्तिधाम (श्मशान घाट) के ठीक पास स्थित है, जिससे न केवल धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं बल्कि यह एक गंभीर पर्यावरणीय अपराध भी है। शोक में डूबे परिवारों को इस तरह के व्यावसायिक अवैध गतिविधियों से भारी असुविधा हो रही है।
📢 बस्तीवासियों का फूटा गुस्सा
मालदा घाट के पास पुरानी बस्ती के रहवासियों ने भी अब मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि दिनभर हाईवा और ट्रैक्टरों की तेज आवाज व ट्रैफिक से उनका जीवन संकट में है। उन्होंने आशंका जताई है कि यदि इसी तरह भारी वाहनों की आवाजाही जारी रही, तो किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
📣 जनहित में उठ रही मांगें:
1. NGT के आदेशों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाए
2. अवैध रेत खनन और भंडारण को तत्काल बंद किया जाए
3. प्रशासन और माइनिंग विभाग की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच हो
4. दोषियों पर FIR दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए
5. मुक्तिधाम और आसपास की बस्ती को ‘संवेदनशील क्षेत्र’ घोषित कर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं
📌 यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो यह प्रशासनिक लापरवाही आने वाले समय में बड़ी जनहानि और सामाजिक अशांति को जन्म दे सकती है।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT