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तीसरे सावन सोमवार: सोन नदी उदगम से 500 कांवरियों की 15 किमी भक्ति पदयात्रा, बोलबम के जयकारों के बीच पेण्ड्रा में शिवजलाभिषेक, विधायक प्रणव मरपच्ची हुए शामिल, विश्व हिंदू परिषद ने कराया स्वागत, जलपान और भंडारा

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पेण्ड्रा / सावन के तीसरे सोमवार को 500 शिव भक्त सोन नदी उदगम कुंड, सोनमुड़ा से 15 किमी पैदल चलकर मल्टी परपज स्कूल प्रांगण पेण्ड्रा के शिव मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक किए। कांवड़ यात्रा में मरवाही विधायक प्रणव मरपच्ची भी शामिल रहे। पूरे रास्ते कांवड़िए बोलबम के जयकारे लगाते रहे। विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष हर्ष छाबरिया के नेतृत्व में कांवड़ियों को रास्ते में जलपान और मंदिर में भंडारा प्रसाद कराया गया।
सोन नदी के उदगम कुंड सोनमुड़ा से कांवड़ यात्रा में शामिल हुए कांवड़ियों में काफी उत्साह देखा गया। कांवड़ियों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की थी। कांवड़िए पूरे रास्ते बोल बम का जयघोष करते हुए जा रहे थे। विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष हर्ष छाबरिया और कार्यकर्ताओं के द्वारा कांवड़ियों के लिए रास्ते में जलपान की व्यवस्था की गई थी।

कांवड़ यात्रा ने पेण्ड्रा शहर का भ्रमण कर शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद मल्टी परपज स्कूल प्रांगण में स्थित शिव मंदिर में जलाभिषेक करके कांवड़ यात्रा का समापन किया। शिव मंदिर में विश्व हिंदू परिषद ने कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं के लिए भंडारा प्रसाद का आयोजन भी किया था।
कांवड़ यात्रा में प्रमुख रूप से स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य कामता महाराज, स्वामी महानंद, मरवाही विधायक प्रणव मरपच्ची, वीएचपी जिलाध्यक्ष हर्ष छाबरिया, उपाध्यक्ष सरोज पवार, मातृ शक्ति जिला संयोजक प्रिया त्रिवेदी, बजरंग दल जिला संयोजक सागर पटेल, प्रकाश साहू, रमेश बजाज, मनीष गुप्ता, अजय शुक्ला, नवल लहरे, वीरेंद्र पंजाबी, नवीन विश्वकर्मा, शैलेश जायसवाल, मुकेश जायसवाल, निखिल परिहार, आकांक्षा साहू, नवीन विश्वकर्मा, पायल वैष्णव, भूपेंद्र चौधरी, शुभम गुप्ता, संतोष साहू, अनुराग पांडे, विनय पांडे, आशीष पांडे, शिवम साहू, मीनू पांडे, संतोषी साहू, कंचन मिश्रा, कशिश साहू, देवांश तिवारी, रूपेश साहू इत्यादि सहयोगी थे।
सोन नदी के जल से भगवान शिव के जलाभिषेक का है विशेष महत्व
सावन मास में सोन नदी के जल से भगवान शिव के जलाभिषेक का विशेष महत्व है। बता दें कि सोनमुड़ा, पेण्ड्रा से उदगम होने वाली सोन नदी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड राज्यों से होते हुए 881 किलोमीटर का सफर तय करके बिहार में गंगा नदी में जाकर मिलती है।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

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