छत्तीसगढ़। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा 10 जून से अक्टूबर तक राज्यभर में रेत खनन पर लगाए गए प्रतिबंध का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। कई जिलों में रेत माफिया न सिर्फ नदी किनारे अवैध खनन कर रहे हैं, बल्कि ट्रैक्टर व डंपरों से रात-दिन परिवहन भी जारी है। इस पर खनिज सचिव पी. दयानंद ने गंभीर चिंता जताई है। पी. दयानंद ने कहा, “NGT के प्रतिबंधों का उल्लंघन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संबंधित जिलों के कलेक्टरों और खनिज अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जो भी अधिकारी या माफिया दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई होगी।”
प्रशासनिक उदासीनता या संरक्षण?
मामले की पड़ताल करने पर यह भी सामने आया कि कुछ स्थानों पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता के चलते माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि दिनदहाड़े रेत भरे वाहनों की आवाजाही होती है, पर कोई रोकने वाला नहीं है।
पर्यावरणीय खतरे का संकेत
लगातार खनन से नदी की गहराई बढ़ रही है, जिससे जलस्तर में गिरावट, पारिस्थितिकी तंत्र का असंतुलन और कृषि पर प्रभाव जैसे खतरे मंडरा रहे हैं।
राजस्व हानि भी गंभीर चिंता
अवैध खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की भी चपत लग रही है।
लोगों की मांग – हो उच्चस्तरीय जांच
सामाजिक संगठनों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT