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पोड़ी उपरोड़ा: मनरेगा में वर्षों से जमे रोजगार सहायको ने आवास और हितग्राहीमूलक योजनाएं को बना रखा कमाई का जरिया, 02 से 10 हजार तक वसूली करने वाले ऐतमानगर के रोजगार सहायक के विरुद्ध शिकायत पर हुई जांच तो सिंघिया के रोजगार सहायक को वरदहस्त

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कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:-जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा के पंचायतों में वर्षों से जमे अनेक रोजगार सहायकों के द्वारा आवास योजना को वसूली का माध्यम बना लिया गया है। इसके अलावा सरकार की दूसरी हितग्रागीमूलक योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर भी जमकर वसूली करने की शिकायतें सामने आयी हैं। भ्रष्ट्र कारगुजारी में लिप्त रहने वाले उन रोजगार सहायकों को न अधिकारियों का डर है न कार्रवाई का भय।
ग्राम पंचायत ऐतमानगर के रोजगार सहायक चन्द्र कुमार चुटैल को लेकर भी ऐसी ही शिकायत लगातार सामने आती रही है। जिसमे आवास योजना के हितग्राही काफी परेशान हैं। उसके द्वारा हितग्राहियों से 2000 से लेकर 10000 रुपये तक की राशि यह कहकर वसूल की जाती है कि वह किसी भी योजना को पास करा देगा। शासन के द्वारा प्रदाय की जाने वाली योजनाओं में उसकी दखल होने के कारण विभागीय तौर पर भी कामकाज तभी हो पाते हैं जब वह बोलता है। उसकी इस तरह की बेजा हरकतों से ग्रामवासी काफी परेशान हैं। काफी हिम्मत करके एक प्रार्थी ने सुशासन तिहार के शिविर में उक्त रोजगार सहायक की शिकायत की है। शिकायत की जांच का जिम्मा प्रमोद कुमार भगत सहायक विकास विस्तार अधिकारी व टी एस मरावी करारोपण अधिकारी जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा को सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि उनके द्वारा जांच लगभग पूरी कर ली गई है और रोजगार सहायक इसमें दोषी पाया जा रहा है। हालांकि जांच रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि जल्द ही रोजगार सहायक पर कार्रवाई हो सकती है। दूसरे मामले में ग्राम पंचायत सिंघिया के रोजगार सहायक मदन आंडिल द्वारा फर्जी जियो टैकिंग से प्रधानमंत्री आवास का बिना निर्माण 1.20 लाख की राशि लाभार्थी के खाते से आहरण करा बंदरबांट कर ली गई। इस अनियमितता का पर्दाफाश करने के बाद भी संबंधित अधिकारी आंख मूंदे बैठे है, वहीं खबर से हड़बड़ाए रोजगार सहायक आनन- फानन में लाभार्थी के नाम पर एक 7×8 वाले एक कमरे के आवास निर्माण की औपचारिकता पूरी कर रहा है। पोड़ी उपरोड़ा जनपद के अनेकों ग्राम पंचायतें में रोजगार सहायकों के ऐसे कारनामे देखने- सुनने को मिल जाएंगे, जिनके लिए आवास एवं हितग्राहीमूलक योजनाएं अवैध कमाई का जरिया बनकर रह गया है। वैसे ऐतमानगर रोजगार सहायक के कृत्य की जांच के साथ सिंघिया सहित अन्य पंचायतों में जांच का दायरा बढ़ाया जाए तो रोजगार सहायक जो वर्षों से जमे हैं और शासन की योजनाओं की आड़ में अवैध वसूली कर रहे हैं, उनकी भी कलई खुलकर सामने आएगी। साथ ही उन्हें किसका संरक्षण प्राप्त हो रहा है, यह भी जांच का विषय होना चाहिए।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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