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रायपुर: एनएसयूआई अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी की खुलेआम गुंडागर्दी, FIR दर्ज, शिक्षा संस्थान में घुसकर तोड़फोड़, जांच जारी”

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रायपुर, 21 सितंबर 2025 – राजधानी रायपुर के सुंदर नगर स्थित श्री गजानंद एजुकेशन संस्था में हाल ही में हुई घटना ने शिक्षा जगत को हिला कर रख दिया है। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी पर आरोप है कि वह लंबे समय से संस्था से अवैध वसूली कर रहे थे। जब संस्था के संचालक ने इन अवैध मांगों को ठुकरा दिया, तो उन्होंने और उनके साथियों ने घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ की।
आरोपियों ने कंप्यूटर, डेस्क, अलमारी और अन्य कार्यालय सामग्री को क्षतिग्रस्त किया। उन्होंने गेट पर ताला लगाकर शिक्षण कार्य को बाधित करने की भी कोशिश की। घटना के बाद छात्रों और स्टाफ में भय और दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। कई शिक्षकों ने इस घटना को “शिक्षा के मंदिर पर हमला” करार दिया।
यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में भाजपा की सरकार होने के बावजूद कांग्रेस के नेता खुलेआम शिक्षा संस्थानों में गुंडागर्दी कर रहे हैं। यह घटना राज्य में शिक्षा की सुरक्षा और सुशासन पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।
संस्था के प्रबंधन ने कहा कि यह केवल एक संस्था का मामला नहीं है, बल्कि पूरे राज्य के शिक्षा क्षेत्र की सुरक्षा और सुशासन पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। प्रबंधन ने प्रशासन और सरकार से तुरंत निष्पक्ष जांच, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई, तो यह पूरे समाज की अगली पीढ़ी के लिए खतरा बन सकता है।
पुलिस ने 19 सितंबर 2025 को FIR दर्ज की है। आरोपियों के खिलाफ धारा 333, 324(4), 296, 351(2), 115(2), 3(5) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच जारी है और आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। पुलिस ने कहा कि दोषियों पर जल्द ही प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं केवल एक संस्था तक सीमित नहीं रह जातीं। यदि शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई, तो इसका असर समाज की अगली पीढ़ी और राज्य के शिक्षा क्षेत्र पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा केवल संस्था के कर्मचारियों और छात्रों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस घटना ने छात्रों, शिक्षकों और समाज में यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा के मंदिर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो शिक्षा का भविष्य भी खतरे में रहेगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और सरकार को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।मामले की जांच अभी जारी है और जल्द ही FIR में दर्ज आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की खबर सामने आने की संभावना है।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

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