• जिला जीपीएम में पेंड्रा के किसी सेठ के सह में इनका एक सिंडिकेट कर रहा है अलग- अलग जगहों में कबाड़ के “क” से काला बाजार…
कोरबा/चैतमा (सपलवा) :- घर में रखे कबाड़ हर कोई बेचना चाहता है क्योंकि इससे थोड़े पैसे कमाए जा सकते हैं और घर में रखे बेकार टूटे फूटे हुए समान या आस-पास की जगहो के बेकार समानों की सफ़ाई भी हो जाती है। कबाड़ में आमतौर पर पुरानी धातुएँ, प्लास्टिक, कागज, और अन्य बेकार सामान शामिल होते हैं, जिन्हें कबाड़ी वाले खरीदते हैं और फिर उन्हें रिसाइकिल या दोबारा इस्तेमाल करते हैं।

कबाड़ बेचने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं :-
कबाड़ बेचकर कुछ पैसे कमाना एक सामान्य कारण है।
और मुख्य कारण जगह की सफाई होना है जैसे घर या कार्यस्थल में कबाड़ जमा होने से जगह कम हो जाती है और गंदगी फैलती है। कबाड़ बेचने से जगह साफ हो जाती है। इससे पर्यावरण संरक्षण भी होता है जिस तरह कबाड़ को रिसाइकिल करने से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होता है और पर्यावरण प्रदूषण कम होता है। कबाड़ का पुनः उपयोग, जैसे कि कबाड़ी वाले कबाड़ को खरीदकर उसे रिसाइकिल करते हैं या फिर से इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह दोबारा उपयोगी हो जाता है ।

सामान्य रूप से कबाड़ बेचना या खरीदना एक आम बात है लेकिन ये आम बात से अंगूर तब हो जाता है जब । कोई सरकारी या निजी स्थान की सामग्रियों को पैसे कमाने के उद्देश्य से बेचना या खरीदना करता है । जैसे,लोहे के बिजली के तार , बाउंड्री बाल (घेरा) करने वाले तार ,किसी टावर , खंभे या अन्य मशीनरी ढांचे से अनावश्यक निकाले हुए सामग्रियों को अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए खरीदता या बेचता है तो वो अवैध खरीद फरोख्त के दायरे में आ जाता है।

इसी तरह की घटना पाली विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम राहा -सपलवा, रामाकछार जैसे बीहड़ वन ग्राम इलाके की है जिसमें अवैध रूप से कबाड़ सामग्रियों की खरीद फरोख्त इन दिनों जोरो पर है जिसमें उक्त ग्राम के कुछ स्थानीय लोगों का और जिला जीपीएम पेंड्रा के कबाड़ खरीदार कोई सेठ के मध्यस्थ संलिप्तता पूर्वक अवैध कबाड़ सामग्रियां खरीदी और बेची जा रही हैं। जिला जीपीएम के ग्राम भीतरिया अमगांव के जंगली रास्तों को तय कर सरहद पार कर चार पहिया पिकअप से जिला कोरबा अंतर्गत पड़ने वाले वन ग्राम तिलसरा, उड़ान, रामाकछार, सपलवा, राहा में इन दिनों चोरी के कबाड़ सामग्रियां जैसे बिजली के तार, जंगलों को घेरे गए बाउंड्री के तार और लोहे के सामाग्री का खरीद फरोख्त करते देखा गया है।
वैसे देखा जाए तो इन दिनों कोरबा जिले में कबाड़ की सामग्रियां के खरीद फरोख्त पर कानून की खासी सख्ती है और अवैध रूप से कबाड़ के खरीदी बिक्री नहीं देखी जा रही है। लेकिन दूसरे जिले के कबाड़ चोर अपने इरादे बुलन्द लिए चोरी छिपे बीहड़ क्षेत्रों में अपने कार्य को भली भांति अंजाम दे रहे हैं और जिसमें स्थानीय कुछ लोगों की संलिप्तता जरूर हो सकती है। बीहड़ वन क्षेत्रों में यह कार्य अवैध कबाड़ खरीदार सिंडिकेट तैयार कर योजना पूर्वक कर रहे हैं जिसके कारण ये पुलिस के पकड़ में नहीं आ रहे हैं। यह चोर पुरानी बिना नम्बर प्लेट के पिक – अप चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल कर अवैध कबाड़ की सामग्रियां रातों रात पार कर रहे हैं जिसकी भनक किसी को भी नहीं लग पा रही है।
इस संबंध में पूरी खबर पुनः प्रकाशित विस्तार पूर्वक कराई जाएगी, इस लिए बने रहिए MPG न्यूज नेटवर्क के साथ।
Author: Saket Verma
A professional journalist









