सरकारी जमीन पर डाका! सरपंचों की मिलीभगत से बेंची गई पंचायत की जमीन, ग्रामीण भड़के – कलेक्टर कोरबा से न्याय की गुहार
कोरबा। ग्राम पंचायत बेंदरकोना में सरकारी जमीनों के गोरखधंधे का बड़ा खुलासा हुआ है। वर्तमान सरपंच जयवीर पर आरोप है कि उन्होंने ग्रामीणों को सब्जी उगाने और घर बनाने के नाम पर पंचायत की जमीन लीज पर दी और उसके एवज में मोटी रकम वसूली। अब तहसील कार्यालय से जमीन खाली करने का नोटिस मिलने पर ग्रामीण भड़क उठे और कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया।
ग्रामीणों का कहना है – “सरपंच ने चुनाव से पहले वादा किया था कि हमें जीविकोपार्जन के लिए जमीन दी जाएगी। हमने पैसे भी दिए और लेटर पैड पर सरपंच के मुहर-साइन के साथ कागज भी मिला, लेकिन अब हमें ही बेदखल किया जा रहा है। यह सरपंच की सीधी ठगी है।” जिन ग्रामीणों को जमीन लीज पर दी गई उन्होंने उस जमीन पर काफी पैसा भी खर्च कर दिये हैं लेकिन आप उन्हें नोटिस देकर जमीन खाली करने के आदेश दिए जा रहे हैं और ग्रामीण पेशी दौड़ रहे हैं ! चौंकाने वाली बात यह है कि ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सिर्फ वर्तमान सरपंच ही नहीं, बल्कि पूर्व सरपंच ने भी जमीन आवंटन के नाम पर पैसे वसूले थे। इसका मतलब है कि ग्राम स्तर पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के पीछे सरपंचों की मिलीभगत चल रही है।
उधर, सरपंच जयवीर ने बचाव करते हुए दावा किया है कि उनके लेटर पैड का गलत इस्तेमाल हुआ है और इसकी शिकायत उन्होंने कलेक्टर से की है। लेकिन सवाल यह भी उठना है कि एक पढ़े लिखे युवा सरपंच द्वारा किसी को यूं ही खाली लेटर पैड में सील साइन करके देने की क्या जरूरत पड़ गई यह बात सवाल के घेरे में है ! जानकारों के मुताबिक यदि जांच में आरोप साबित हुए तो पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्यवाही होने पर सरपंच की कुर्सी जा सकती है और पद भी शून्य घोषित हो सकता है। फिलहाल कलेक्टर ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।
Author: Ritesh Gupta
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