कोरबा। कोरबा ज़िले में रविवार को सर्व हिंदू समाज के आह्वान पर एक आक्रोश रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लेकर राज्य सरकार से धर्मांतरण, लव जिहाद, अवैध घुसपैठ और सामाजिक असंतुलन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कठोर कानून बनाने की मांग की। रैली के पश्चात मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसे जिला प्रशासन ने स्वीकार किया और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
आंदोलनकारियों का आरोप है कि जिले सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा गरीब, अशिक्षित और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों को योजनाबद्ध तरीके से प्रलोभन, भय और धोखाधड़ी के ज़रिए ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा है। साथ ही, कथित तौर पर कट्टरपंथी मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है, जिसे प्रदर्शनकारियों ने ‘लव जिहाद’ करार दिया।
रैली में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि कोरबा सहित राज्य के कई क्षेत्रों में घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और बाहरी क्षेत्रों में अवैध बसाहट तेजी से हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक तानाबाना कमजोर हो रहा है और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन रही है, जिस पर सरकार को तुरंत गंभीरता से कदम उठाने चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में लव जिहाद और धर्मांतरण के मामलों में बुलडोजर की कार्यवाही की जा रही है, वैसा ही मॉडल छत्तीसगढ़ में भी अपनाया जाए। दोषियों को मृत्युदंड अथवा आजीवन कारावास तक की सजा देने के प्रावधान की मांग की गई। साथ ही, मद्रास हाईकोर्ट के हालिया निर्णय का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि घरों को चर्च या प्रार्थना स्थल बनाना गैरकानूनी है, ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
रैली के दौरान यह भी आरोप लगाए गए कि राज्य में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को शरण दी जा रही है, जिसे लेकर असम मॉडल की तर्ज पर व्यापक जांच अभियान चलाने की जरूरत है। वहीं, धर्म परिवर्तन करने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों को आरक्षण से वंचित करने और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की भी मांग ज्ञापन में शामिल रही।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो आंदोलन को और अधिक उग्र रूप दिया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार से अपेक्षा जताई कि वह इस गंभीर सामाजिक और सांस्कृतिक विषय पर संवेदनशीलता दिखाएगी और त्वरित कार्यवाही करेगी। प्रशासन की ओर से ज्ञापन लेने वाले अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा प्रस्तुत विषयों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और संबंधित पहलुओं की जांच भी की जाएगी।

Author: Ritesh Gupta
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