Search
Close this search box.

पोड़ी उपरोड़ा में ज़मीन कब्जे को लेकर बवाल: पंचायत की जमीन पर तौकीर अहमद का संदिग्ध दावा, ग्रामसभा ने सुनाया कड़ा फैसला – ‘पंचायत के अधीन रहेगी विवादित भूमि!’

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

—पोड़ी उपरोड़ा / तानाखार (कोरबा)।ग्राम पंचायत तानाखार की भूमि पर अब सीधा संघर्ष शुरू हो गया है—किसान की पुश्तैनी ज़मीन पर एक बाहरी व्यक्ति दस्तावेजों की आड़ में कब्जा करने पहुंचा, तो पूरा गांव एकजुट हो गया। तानाखार निवासी पवन सिंह कंवर की हक की ज़मीन पर कोरबा के तौकीर अहमद ने कब्जा ठोकने की कोशिश की, और यही कोशिश अब तगड़े विवाद में बदल चुकी है।
पंचायत की खुली बैठक, ग्रामीणों का गुस्सा—‘नक्शा नहीं, नीयत साफ होनी चाहिए!’
गांव के सरपंच की अगुवाई में हुई खुली पंचायत बैठक में ग्रामीणों ने ज़ोरदार विरोध करते हुए तौकीर अहमद के दावे को “दस्तावेजी छल” करार दिया। ग्रामीणों ने बताया कि खसरा नंबर 731/6 और 732/2 पर पवन सिंह कंवर का 60-70 सालों से कब्जा है और वे लगातार खेती कर रहे हैं।
तौकीर अहमद के पास मौजूद दस्तावेजों की वैधता पर भी सवाल उठे, क्योंकि उसने खरीदी खसरा 731/9 की, और कब्जा करना चाह रहा है 731/6 पर!—जो सीधे तौर पर जमीन कब्जे की चालबाज़ी मानी जा रही है।-
जमीन विवाद या दस्तावेज़ी धोखा? नक्शे का बंटवारा नहीं, भ्रम का खेल जारी!
तौकीर अहमद का दावा भले ही कागजों पर हो, लेकिन हकीकत यह है कि मूल खसरा 731 का अभी तक नक्शा विभाजित ही नहीं हुआ है। इसी अस्थिरता का फायदा उठाकर अब जमीन की हेराफेरी शुरू हो गई है।0यह सवाल अब पंचायत से उठकर प्रशासन और कोर्ट तक पहुंच गया है—कि जब खरीदी खसरा 731/9 की गई है, तो कब्जा कैसे 731/6 पर किया जा सकता है?
ग्रामसभा का ऐलान—न प्रशासन का इंतज़ार, न कोर्ट का डर—‘पंचायत संभालेगी विवादित ज़मीन’
ग्राम पंचायत तानाखार ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि जब तक प्रशासन या न्यायालय से कोई ठोस आदेश नहीं आता, विवादित जमीन पंचायत की निगरानी में रहेगी और किसी भी पक्ष को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा।-
प्रशासन से जवाब चाहिए!
1. क्या बिना नक्शा विभाजन के ज़मीन का कब्जा वैध है?
2. क्या खसरा नंबरों की अदला-बदली कर किसी की जमीन हथियाई जा सकती है?
3. क्या ग्रामसभा के सर्वसम्मत निर्णय को प्रशासनिक समर्थन मिलेगा?-
यह सिर्फ ज़मीन विवाद नहीं—यह ग्रामीण अधिकारों की खुली लड़ाई है। तानाखार के ग्रामीणों ने साफ कर दिया है—अब अगर कोई ज़बरन कब्जा करेगा, तो गांव उसका विरोध करेगा। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह जल्द इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर, असली हकदार को न्याय दिलाए।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

Leave a Comment

और पढ़ें