📍 रायपुर/छत्तीसगढ़ | रिपोर्ट – Lallanguru News गुर्जर समाज छत्तीसगढ़ में आंतरिक नेतृत्व और संगठन के स्वरूप को लेकर अब गंभीर मतभेद सामने आ रहे हैं। समाज के उपाध्यक्ष परमेश्वर गुर्जर ने एक तीखा बयान जारी करते हुए कहा है कि गुर्जर समाज के नाम पर कुछ चुनिंदा लोग सिंडिकेट की तरह काम कर रहे हैं, जो समाज को एकजुट करने के बजाय तोड़ने में लगे हुए हैं।
🧾 व्यक्ति विशेष और परिवारवाद को मिल रहा बढ़ावा
परमेश्वर गुर्जर ने कहा कि समाज में व्यक्ति विशेष या परिवारवाद को महत्व देकर जो कार्यकारी गठन किया गया है, वह गैरलोकतांत्रिक, अस्वीकार्य और समाज विरोधी है।
> “यह संगठन समाज के हित में नहीं है। समाज किसी की बपौती नहीं है कि अध्यक्ष और सचिव मनमर्जी से बना दिए जाएं।”
— परमेश्वर गुर्जर, उपाध्यक्ष – गुर्जर समाज छत्तीसगढ़
चुनाव से हो चयन, न कि गुटबाजी से नियुक्ति
उन्होंने स्पष्ट किया कि गुर्जर समाज के अध्यक्ष और सचिव का चयन केवल विधिवत चुनाव के माध्यम से होना चाहिए, न कि गुपचुप तरीके से तयशुदा नामों की घोषणा करके।
> “हम इस कार्यकारिणी का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं। जब तक समाज के सामने सबकी उपस्थिति में चुनाव नहीं होता, तब तक यह संगठन स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
गुर्जर समाज में नेतृत्व को लेकर मंथन की जरूरत
परमेश्वर गुर्जर के इस बयान से यह साफ हो गया है कि समाज के भीतर गंभीर वैचारिक मतभेद हैं और अब आवश्यकता है कि गुर्जर समाज एक पारदर्शी, लोकतांत्रिक और निष्पक्ष ढांचे में आगे बढ़े, ताकि समाज के युवाओं और बुजुर्गों दोनों का विश्वास बना रहे।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT