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राजस्व सचिव के आदेश की धज्जियां… सवाल उठे— विभागीय सचिव बड़ा या कलेक्टर?”

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राजस्व सचिव के आदेश की उड़ाई धज्जियां… कलेक्टरों ने तोड़ा नियम, तहसीलदार संघ नाराज़
बिलासपुर। प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार संघ की 17 सूत्रीय मांगों को लेकर जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल के बीच नियमों की खुली अवहेलना सामने आई है। संघ के आंदोलन से प्रदेशभर में राजस्व कार्य ठप हैं, लेकिन धमतरी और जांजगीर कलेक्टरों ने विभागीय आदेश को दरकिनार करते हुए अधीक्षकों और सहायक अधीक्षकों को तहसीलदार का प्रभार सौंप दिया है। इससे तहसीलदार संघ में गहरी नाराजगी है।
2023 का आदेश साफ था – अधीक्षकों को न मिले प्रभार
राजस्व विभाग के विशेष सचिव अनुराग पांडे ने वर्ष 2023 में स्पष्ट आदेश जारी किया था कि तहसीलदार या नायब तहसीलदार के पद पर किसी अधीक्षक या सहायक अधीक्षक को प्रभार न दिया जाए। आदेश का उद्देश्य था कि हड़ताल के दौरान भी नियम और जिम्मेदारियों का निर्वहन तय ढांचे में हो।
कलेक्टरों ने तोड़ा नियम
नियमों की अनदेखी करते हुए धमतरी कलेक्टर ने एक अधीक्षक और एक सहायक अधीक्षक को तहसीलदार और नायब तहसीलदार का प्रभार सौंप दिया। इसी तरह जांजगीर-चांपा कलेक्टर ने भी अपने आदेश में अधीक्षकों को जिम्मेदारी दे दी।
संघ ने जताई कड़ी आपत्ति
तहसीलदार और नायब तहसीलदार संघ ने इस कदम को विभागीय सचिव के आदेश की अवहेलना बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई है। संघ का कहना है कि ऐसे आदेश आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश हैं, लेकिन मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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