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जब जनप्रतिनिधियों का अपमान प्रशासनिक अधिकारियों का फैसला बन जाए, तो लोकतंत्र शर्मसार हो जाता है!”

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सेमरा पंचायत का अपमान — पंचायत क्षेत्र में आयोजन, लेकिन सरपंच का नाम गायब! ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत आयोजित हो रहे जिला स्तरीय पशु-पक्षी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता 2025 को लेकर ग्राम सेमरा में जबरदस्त नाराज़गी फूट पड़ी है। आयोजन से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि कार्यक्रम का स्थान ग्राम सेमरा होने के बावजूद जारी आमंत्रण पत्र में ग्राम पंचायत सेमरा के सरपंच श्री तूफान सिंह ध्रुवे का नाम तक शामिल नहीं किया गया है।
यह आयोजन पशुधन विकास विभाग, जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के तत्वाधान में 23 और 24 अक्टूबर को स्वामी आत्मानंद स्कूल के पास ग्राम सेमरा में होना तय है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग ने पूरे जिले के अधिकारियों, नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के नाम तो आमंत्रण कार्ड में डाल दिए, लेकिन जिस पंचायत क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि का नाम तक देना जरूरी नहीं समझा। इससे न सिर्फ पंचायत बल्कि पूरे क्षेत्र का अपमान हुआ है।

ग्रामवासियों का कहना है कि सरकारें पंचायत सशक्तिकरण की बातें करती हैं, लेकिन जब मौका आता है तो ग्रामीण नेतृत्व को दरकिनार कर दिया जाता है। लोगों का गुस्सा अब खुलकर सामने आ गया है। पंचायत के कई सदस्यों और ग्रामीणों ने इसे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। लोगों का कहना है कि यह विभाग की सीधी लापरवाही और असंवेदनशीलता है।
इस पूरे प्रकरण पर ग्राम पंचायत सेमरा के सरपंच श्री तूफान सिंह ध्रुवे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा,
“इतना अपमान, इतनी बेइज्जती — क्या यह जंगलराज है? 🙏 दुनिया भर के नेताओं और अधिकारियों के नाम आमंत्रण में हैं, पर जिस ग्राम में कार्यक्रम हो रहा है, उस गाँव के मुखिया का नाम तक नहीं! 🙏 यह न केवल मेरे प्रति, बल्कि पूरे सेमरा पंचायत के प्रति असम्मान है।”

सरपंच का यह बयान अब पूरे क्षेत्र में गूंज रहा है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या जनप्रतिनिधियों को केवल नाम के लिए चुना गया है? सेमरा पंचायत के लोग कह रहे हैं कि उनका प्रतिनिधि अगर आमंत्रण में शामिल नहीं, तो यह कार्यक्रम पंचायत का नहीं, सिर्फ कुछ लोगों का दिखावा बनकर रह गया है। ग्रामीणों ने कहा कि विभाग को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए, सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए और संशोधित आमंत्रण पत्र जारी करना चाहिए।
इस घटना से सेमरा और आसपास के इलाकों में आक्रोश की लहर है। लोग कह रहे हैं कि यह मामला अब केवल एक नाम छूटने का नहीं रहा, बल्कि पूरे ग्राम पंचायत की अस्मिता और सम्मान का प्रश्न बन चुका है। रजत जयंती जैसे गौरवशाली मौके पर जब राज्य अपनी उपलब्धियाँ दिखाना चाहता है, तब स्थानीय नेतृत्व का अपमान जनता को अस्वीकार्य है।
अब सबकी निगाहें विभाग और प्रशासन पर हैं कि वे इस जनआक्रोश का जवाब कैसे देंगे। क्योंकि ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि यह अपमान वे चुपचाप नहीं सहेंगे। पंचायत का सम्मान लौटाना ही अब इस विवाद का एकमात्र समाधान है।
Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional JournalisT

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