—गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: नगर पालिका परिषद गौरेला में 78 लाख 58 हजार रुपए के स्ट्रीट लाइट पोल कार्य में हुआ घोटाला अब और गंभीर होता जा रहा है। भ्रष्टाचार की इस परत-दर-परत कहानी में अब जांच में हस्तक्षेप और शिकायतकर्ता को दबाने के प्रयास के आरोप भी सामने आ रहे हैं।
वर्ष 2024-25 की द्वितीय निविदा क्रमांक 3857/न.प./तक.शा./2024-25, दिनांक 4 दिसंबर 2024 को जारी आदेश में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए प्रदीप कुमार जायसवाल ने कलेक्टर जीपीएम को पत्र लिखकर एफआईआर और स्वतंत्र जांच की मांग की थी। लेकिन अब मामला और गहराता दिख रहा है।
सूत्रों का सनसनीखेज खुलासा: जांचकर्ता और ठेकेदार की साठगांठ!
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, जांच अधिकारी और ठेकेदार के बीच गहरी सांठगांठ की बात सामने आ रही है। आरोप है कि जांच को पक्षपातपूर्ण ढंग से मोड़ने की कोशिश हो रही है ताकि दोषियों को बचाया जा सके।
शिकायतकर्ता पर दबाव: “आवेदन वापस लो, वरना…”
सूत्र बताते हैं कि शिकायतकर्ता पर लगातार मानसिक दबाव डाला जा रहा है। उनसे आवेदन वापस लेने के लिए न सिर्फ बार-बार संपर्क किया जा रहा है, बल्कि गंभीर दबाव बनाने की कोशिश भी की जा रही है। यह दर्शाता है कि इस घोटाले के पीछे कोई संगठित गिरोह या हित समूह सक्रिय है, जो किसी भी कीमत पर सच को दबाना चाहता है।
क्या प्रशासन करेगा ईमानदार कार्रवाई?
अब सवाल यह उठता है कि—
क्या जांच को प्रभावित करने की कोशिशों पर भी होगी कार्रवाई?
क्या कलेक्टर स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी?
या फिर यह मामला भी प्रभावशाली ठेकेदार-प्रशासन गठजोड़ की भेंट चढ़ जाएगा?

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT