पसान में जंगल मद की जमीन पर खुलेआम अवैध कब्जा — तहसीलदार और पटवारी की संलिप्तता से भड़का जनाक्रोश
कोरबा/पसान। पसान तहसील अंतर्गत शासकीय ‘बड़े झाड़ जंगल’ मद की भूमि पर खुलेआम निर्माण कार्य जारी है, और प्रशासन चुप है। ग्राम पसान के खसरा नंबर 180/3 और 180/5 की भूमि पर अमरनाथ साहू और दिलीप साहू द्वारा निर्माण कराया जा रहा है, जबकि यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में शासकीय जंगल मद के रूप में दर्ज है और इस पर विवाद माननीय एसडीएम न्यायालय पोड़ी उपरोड़ा में विचाराधीन है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद निर्माण कार्य बेरोकटोक जारी है। प्रशासन की ओर से न तो कोई रोक लगाई गई और न ही यथास्थिति बनाए रखने का प्रयास किया गया। यह स्थिति स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि तहसील कार्यालय के भीतर गहरी मिलीभगत या लापरवाही चल रही है।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि तहसीलदार वीरेंद्र सिंह श्याम और हल्का पटवारी की भूमिका संदेह के घेरे में है। निर्माण कार्य की जानकारी होने के बावजूद कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई, जिससे संदेह और भी गहरा हो गया है। लोगों का कहना है कि यह सब कुछ बिना प्रशासनिक संरक्षण के संभव नहीं हो सकता।
यह मामला न सिर्फ शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का है, बल्कि यह दर्शाता है कि भू-माफिया किस प्रकार तहसील स्तर पर शासन-प्रशासन के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं। एक ओर एसडीएम न्यायालय में वाद लंबित है, वहीं दूसरी ओर न्यायिक प्रक्रिया को धता बताकर निर्माण कार्य खुलेआम जारी है।
यदि जिला प्रशासन इस प्रकरण में भी चुप्पी साधे रहता है, तो यह चुप्पी प्रशासन की संलिप्तता का प्रतीक मानी जाएगी। अब वक्त आ गया है कि इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई कर दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाए और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन किया जाए।
जनता जवाब चाहती है — क्या प्रशासन भू-माफिया और उनके संरक्षकों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाएगा, या यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा?
Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT









