मौखिक नियुक्ति पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रहे हैं बाबुओं का काम
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। सहायक आयुक्त कार्यालय गौरेला में नियम-क़ानूनों को ताक पर रखकर कार्य किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यहाँ बिना किसी लिखित आदेश के मौखिक रूप से नियुक्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से बाबूगिरी (क्लर्क का काम) करवाई जा रही है। इससे न केवल कार्यालयीन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि योग्यताधारी कर्मचारियों के अधिकारों का भी हनन हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, उक्त कर्मचारी को किसी निर्धारित प्रक्रिया या नियम के तहत नहीं, बल्कि सिर्फ मौखिक निर्देश के आधार पर कार्य पर लगाया गया है। हैरानी की बात यह है कि संवेदनशील दस्तावेजों की फाइलिंग से लेकर प्रशासनिक कार्यों तक की जिम्मेदारी ऐसे कर्मचारी को सौंपी गई है, जो न तो इसके लिए अधिकृत है और न ही प्रशिक्षित।
जानकारों का कहना है कि यह पूरा मामला न केवल नियम विरुद्ध है, बल्कि इससे कार्यालय की कार्यप्रणाली में भी अव्यवस्था फैल रही है। प्रशासनिक स्तर पर इस तरह की अनियमितता से सरकारी कार्यों की विश्वसनीयता पर भी बट्टा लग रहा है।
अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले पर कब संज्ञान लेते हैं और नियमानुसार कार्रवाई करते हैं या फिर व्यवस्था यूं ही चलती रहेगी।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT