रायपुर/कोरबा, 9 मई 2025 खनिज क्षेत्र के गरीबों के नाम पर लूटा गया अरबों का खजाना, और अब लुटेरे सलाखों के पीछे! छत्तीसगढ़ की सबसे शर्मनाक लूट कहे जा रहे DMF घोटाले में आज ACB और EOW ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कोरबा के चार कद्दावर अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। ये वे अफसर हैं जिनके हाथ में विकास की चाबी थी, लेकिन इन्होंने अपने घर भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
गिरफ्तार अफसरों की लूट की फेहरिस्त:
भरोसा राम ठाकुर – DMF का नोडल अधिकारी, नाम भरोसे का… काम जनता को धोखा देने का!
भूनेश्वर सिंह राज – जनपद CEO, रिटायर्ड होने से पहले खजाने को ‘रिटायरमेंट फंड’ बना डाला!
राधेश्याम मिर्झा – जनपद CEO, विकास योजनाओं को कागज़ पर समेट कर करोड़ों का खेल खेला!
वीरेंद्र कुमार राठौर – तत्कालीन CEO, अब पत्थलगांव में पदस्थ, लेकिन कोरबा की लूट की परतें उघाड़ दीं।
इन सभी को 13 मई तक रिमांड पर भेज दिया गया है। ब्यूरो के केस नंबर 02/2024 में की गई महीनों की गुप्त जांच में सबूत इतने पक्के मिले कि गिरफ्तारी से बचने का कोई रास्ता नहीं बचा।
क्या किया इन अफसरों ने?
DMF फंड – जो खनिज प्रभावित क्षेत्रों के गरीबों के लिए था – उसका इस्तेमाल फर्जी भुगतान, झूठे बिल, अधूरी योजनाओं और अपनों को ठेके बांटने में किया गया। करोड़ों रुपये ऐसे ही गायब कर दिए गए, और सरकारी सिस्टम मूकदर्शक बना रहा।
अब कौन-कौन बचेगा?
ब्यूरो की रडार पर अब बाबू, ठेकेदार, घोटालेबाज़ नेता और अधिकारी हैं, जिनकी मिलीभगत से यह ‘खनिज डकैती’ संभव हो सकी। पूछताछ में कई नामों का खुलासा होने वाला है। प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा है – “कौन अगला?” – ये सवाल अब डर बनकर मंडरा रहा है।
ये गिरफ्तारी नहीं, चेतावनी है – लूट की राजनीति अब नहीं चलेगी।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT