गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) – जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला एक मामला सामने आया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जिले के कुछ हिस्सों में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मूल के संदिग्ध लोग फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाकर रह रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कुछ संदिग्ध किराए पर मकान लेकर स्थायी रूप से बसने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे इलाके में सुरक्षा और सामाजिक असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
राज्य सरकार के आदेश और प्रशासन की निष्क्रियता
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को स्पष्ट आदेश दिए थे कि फर्जी पहचान बनाने वाले व्यक्तियों की पहचान की जाए, उनके दस्तावेजों की जांच की जाए और उन्हें कानूनी कार्रवाई के तहत हिरासत में लिया जाए। इसके बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
आतंकवादी गतिविधियों की संभावना और स्थानीय भय
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी पहचान का यह खेल आतंकवादी गतिविधियों, मानव तस्करी और अन्य गैरकानूनी कार्यों में इस्तेमाल हो सकता है। स्थानीय लोग भय और आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि यदि राज्य सरकार के आदेश के बाद भी प्रशासन निष्क्रिय रहा, तो जिले और राष्ट्र की सुरक्षा को कितना खतरा हो सकता है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के नूतन कॉलोनी (सुराजी भर्रा), पेंड्रा क्षेत्र में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के निवास की सूचना सामने आई है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ये लोग पिछले कुछ समय से किराए पर रह रहे हैं और उनके पहचान दस्तावेज़ों में अनियमितता की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि कुछ व्यक्तियों के पास ऐसे आधार कार्ड हैं जिनमें “कलकत्ता” का पता दर्ज है, जबकि वे स्थानीय निवासी नहीं हैं। इसके अलावा, भाषा और व्यवहार में अंतर होने से नागरिकों में संदेह की भावना पैदा हुई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए और यदि दस्तावेज़ फर्जी पाए जाएं, तो कानून के तहत कार्रवाई की जाए। फिलहाल, प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है और स्थिति जांच के अधीन बताई जा रही है।
विशेषज्ञों की राय और सुझाव
विशेषज्ञ और नागरिकों का मानना है कि:
जिला प्रशासन को संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और उनके दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। फर्जी दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। राज्य सरकार के आदेश का पालन सुनिश्चित कर राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा की जानी चाहिए।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की गई है। यह केवल स्थानीय सूत्रों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है और जांच का विषय बनी हुई है।

Author: Saket Verma
A professional journalist