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पसान तहसील बना शराबखोरी का अड्डा – सहायक ग्रेड-2 विकास पोट्टाम नशे में धुत, तहसीलदार का खुला संरक्षण!” “राजस्व विभाग के लिए कलंक बना विकास पोट्टाम – शराबी बाबू की करतूतों से थर्राया पसान तहसील!”

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कोरबा/पसान। छत्तीसगढ़ का राजस्व विभाग, जिसे प्रशासन की रीढ़ कहा जाता है, आज पसान तहसील में एक शराबी बाबू की वजह से शर्मसार है। सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ विकास पोट्टाम का नाम अब दस्तावेज़ों और फाइलों से ज़्यादा शराब की बोतलों से जोड़ा जाने लगा है। विकास पीतम आए दिन शराब के नशे में कार्यालय आता है, वहीं बैठकर फाइलों पर काम करता है, और आम जनता से अशोभनीय व्यवहार करता है।
यह हालत अब कोई रहस्य नहीं रही — पूर्व में इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह शराब के नशे में सड़क पर बेसुध पड़ा मिला था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि न तो विभाग ने कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की, न ही इस व्यक्ति को दंडित किया गया।
दरअसल, इस घोर लापरवाही और प्रशासनिक भ्रष्टाचार के पीछे सीधा नाम सामने आता है — पसान तहसीलदार वीरेंद्र सिंह श्याम का, जिनका संरक्षण विकास पोट्टाम को प्राप्त है। उन्हीं की शह पर यह शराबी बाबू तहसील कार्यालय की गरिमा को हर दिन लताड़ रहा है।
आज विकास पोट्टाम का नाम सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे राजस्व विभाग के लिए “शर्म” और “बदनामी” का प्रतीक बन गया है। एक तरफ सरकार शराबबंदी की बातें करती है, दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारी ही कार्यालय को मयखाना बना चुके हैं — और अफसर आंख मूंदकर तमाशा देख रहे हैं।
प्रशासन को अब यह तय करना होगा कि क्या ऐसे शराबी, असंवेदनशील और लापरवाह कर्मियों के लिए कोई जगह है? या फिर पूरा राजस्व तंत्र अब ऐसी मानसिकता का बंधक बन चुका है? “अगर विकास पोट्टाम जैसे शराबियों को हटाने की हिम्मत प्रशासन नहीं जुटा पाता, तो यह सिर्फ एक कर्मचारी की नहीं, पूरी व्यवस्था की हार होगी।” अब वक्त है — शर्म से चेहरा छिपाने का नहीं, कार्रवाई करने का।
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