रायपुर : – अपनी काली कमाई के लिए कुख्यात आबकारी विभाग में गत दिनों बड़े पैमाने में अधिकारियों का तबादला हुआ है . सूची देखकर ऐसा लगता है कि विभाग के शीर्ष अधिकारी के समक्ष जिस अफसर ने जैसा “दम” दिखाया वह वैसा पद पाया . विभागीय सूत्र बताते हैं तबादले के समय शीर्ष अधिकारी बोली लगाओ और पद ले जाओ का खुला आफर दिया था . ऐसे में पैसा का खेल ऐसा चला कि योग्य अधिकारी लूप लाईन में पटक दिए गए वहीं लूट-खसोट करने वाले फ्रंट लाईन में आ गए हैं . सारा खेल लक्ष्मी की कृपा पर निर्भर रहा. यह हालात आबकारी में नही है कमोबेश हर विभाग में यही चल रहा है .
आबकारी विभाग में इतने बड़े तबादले की सूची में बड़ा लेन-देन हुआ है सूत्र बताते है कि एक एक पोस्टिंग के लिए लाखों रुपए की बोली लगाई गई. राजधानी में बैठे एक जॉइंट कमिश्नर ने लेन-देन करके सूची को तैयार किया है . बताते है कि इस जॉइंट कमिश्नर को विभाग के शीर्षस्थ अधिकारी का पूरा वरदहस्त प्राप्त है । आबकारी विभाग के प्रमुख अधिकारी और जॉइंट कमिश्नर मिलकर सरकार की मंशा पर पानी फेर कर खुद की जेब गरम करने में लगे हुए है .
नई आबकारी नीति के तहत सरकार ने इस बार 11 हजार करोड़ राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है. यह लक्ष्य सरकार के लिए दूर की कौड़ी साबित होती दिखाई पड़ रही है. पैसे देकर पद पाए अधिकारी कितनी ईमानदारी से काम करेंगे यह समझा जा सकता है. विभागीय सूत्र बताते है कि आबकारी विभाग अपने लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहा है और हालात बताते है लक्ष्य भेदना किसी भी कंडीशन में मुश्किल है .