बिलासपुर, छत्तीसगढ़ – मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीके दास ने आज कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र में विक्रम-टीसीआर धान की किस्म के बीज उत्पादन कार्यक्रम का गहन निरीक्षण किया और केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ विभिन्न कृषि तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की।
विक्रम-टीसीआर धान की किस्म का महत्व
विक्रम-टीसीआर धान की किस्म विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के लिए 2020 में विकसित की गई थी। यह किस्म भारतीय कृषि में तकनीकी सुधार का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई के सम्मान में नामित किया गया है। इस किस्म का उद्देश्य किसानों को उच्च उत्पादन, बेहतर प्रतिरोधक क्षमता, और समय की बचत प्रदान करना है। विक्रम-टीसीआर धान की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह कम समय में, लगभग 110 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को रबी की फसल समय पर लगाने का लाभ मिलता है। यह किस्म सूखा और रोगों के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधक क्षमता रखती है, जिससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव मिलता है।
कृषि विज्ञान केंद्र का योगदान
कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गीत शर्मा के मार्गदर्शन में विक्रम-टीसीआर धान के बीज उत्पादन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। केंद्र ने इस किस्म के बीजों का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू किया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराना है।
फसल की स्थिति और भविष्य की योजना
निरीक्षण के बाद, डॉ. बीके दास ने फसल की स्थिति को सराहा और आगामी दिनों में प्रक्षेत्र दिवस आयोजित करने की योजना बनाई, ताकि जिले के अन्य किसानों को इस नई किस्म के लाभों के बारे में बताया जा सके। डॉ. दास ने कहा, “यह किस्म न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह कृषि के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।”
वैज्ञानिकों के बीच संवाद और विचार-विमर्श
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों – डॉ. शिल्पा कौशिक, डॉ. अमित शुक्ला, जयंत साहू, डॉ. एकता ताम्रकार, इंजी. पंकज मिंज, डॉ. निवेदिता पाठक, हेमकांति बंजारे, डॉ. चंचला रानी पटेल, सुशीला ओहदार, और डॉ. स्वाति शर्मा – से मुलाकात की गई, जिन्होंने कृषि तकनीकी विकास के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। साथ ही, क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. संजय वर्मा भी इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने भी इस किस्म के व्यावसायिक लाभ और इसके विस्तार पर चर्चा की।
विक्रम-टीसीआर धान की किस्म छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह किस्म न केवल उत्पादन में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है, बल्कि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और कृषि समस्याओं से भी बचाती है। कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर के वैज्ञानिकों और BARC के वैज्ञानिकों का यह सहयोग क्षेत्रीय कृषि में नई तकनीकों और उत्पादकता में सुधार के लिए एक सकारात्मक दिशा का संकेत है। इस कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ में कृषि की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार की संभावना जताई जा रही है, जो राज्य के किसानों के लिए भविष्य में फायदेमंद साबित हो सकती है।

Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT