गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और समान अवसर देने की घोषणाएं ज़मीन पर बेमानी साबित हो रही हैं। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय सेमरा में हिंदी माध्यम की कक्षाएं आज तक शुरू नहीं हुई हैं, जिससे ग्रामवासियों का गुस्सा अब फूटने के कगार पर पहुंच गया है। बड़े-बड़े दावे और योजनाएं केवल कागजों तक सीमित हैं, और यही कारण है कि सेमरा, भदौरा के ग्रामीणों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने 8 जुलाई 2025 को सुबह 9 बजे से स्कूल गेट पर चक्काजाम और तालाबंदी करने की खुली चेतावनी दी है।
🔥 प्रशासन को दिया अंतिम अल्टीमेटम:
इस आंदोलन की जानकारी एसडीएम पेंड्रारोड, पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी गौरेला को पहले ही दे दी गई है। ग्राम पंचायत सेमरा के सरपंच तूफान सिंह धुर्वे समेत सभी वार्ड पंचों और ग्रामीणों ने संयुक्त हस्ताक्षरित आवेदन सौंपते हुए कहा है कि अब सब्र जवाब दे चुका है, अगर तुरंत समाधान नहीं निकला, तो उग्र जन आंदोलन से प्रशासन नहीं बच पाएगा।
❗ सरकार की योजनाओं पर सवाल:
क्या यही है “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा” का वादा?
हिंदी भाषी ग्रामीण क्षेत्र में जब हिंदी माध्यम की पढ़ाई ही नहीं शुरू की जाएगी, तो गरीब और ग्रामीण बच्चों को बराबरी का अवसर कैसे मिलेगा? प्रशासन की इस अनदेखी को लेकर क्षेत्रीय जनता में तीखा असंतोष है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये स्कूल केवल अंग्रेजी माध्यम के बच्चों के लिए ही हैं?
🛑 अब आर-पार की लड़ाई:
ग्रामीणों ने चेताया है कि अगर मांगे नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन केवल तालाबंदी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जिला स्तर पर उग्र प्रदर्शन और जनघेराव तक ले जाया जाएगा।
📍अब देखना होगा कि प्रशासन आंखें खोलता है या फिर जनता के आक्रोश की तपिश झेलने के लिए तैयार रहता है।
यह मामला अब केवल शिक्षा का नहीं, बल्कि जनमानस के सम्मान और भविष्य की लड़ाई बन चुका है।
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Author: Ritesh Gupta
Professional JournalisT