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यह कैसा सम्मान..? एकमात्र कांग्रेस सांसद ज्योत्सना महंत की नाम पट्टिका कूड़े में, कटघोरा वनविभाग की बड़ी लापरवाही..कांग्रेसियों में जमकर नाराजगी.

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0 क्या राजनीति से प्रेरित हैं अधिकारी या अनदेखी की पराकाष्ठा दर्शित कर रहे

कोरबा। इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रशासनिक अधिकारियों की निष्ठा सरकार के साथ चलती है लेकिन उन्हीं अधिकारियों का यह भी दायित्व होता है कि वह दलगत राजनीति से परे उठकर अपने प्रशासनिक पद और प्रतिष्ठा का पालन करते हुए सभी जन प्रतिनिधियों का सम्मान करें चाहे वह किसी भी पार्टी के क्यों ना हों।

कोरबा लोकसभा की दूसरी बार लगातार निर्वाचित और मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से एकमात्र कांग्रेस सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत की जिस तरह से अनदेखी या कहें घोर अनदेखी की गई है, वह अपने आप में अधिकारियों की मनमानी को उजागर करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों में इस अभियान की गूंज पहुंची है और लोग अपने-अपने मां के नाम एक पौधा लगा रहे हैं।

कोरबा जिले में भी वन विभाग के द्वारा इसे महोत्सव के रूप में मनाया गया और कार्यक्रम जुलाई माह में आयोजित हुआ। 14 जुलाई 2024 को वन महोत्सव में एक पेड़ मां के नाम अभियान में कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना चरणदास महंत के नाम से भी एक पौधा रोपा गया और नाम की पट्टिका भी लगाई गई। आश्चर्य की बात यह है कि जिस स्थल पर पौधारोपण हुआ या सांसद के नाम पट्टिका के साथ पौधे रोपे गए, वहां से काफी दूर दूसरे स्थान पर वनमण्डल कार्यालय के पीछे जिला सहकारी बैंक के पास कचरे के ढेर में उनके नाम की पट्टी पड़ी हुई मिली। अगर यह नेम प्लेट दो-चार साल पुराना होता तो एक बार बात समझ में आती, लेकिन यह तो चंद महीने पुरानी बात है। उस पौधे को अभी ठीक ढंग से आकर भी नहीं मिला होगा,लेकिन सांसद के नाम पट्टिका का इस तरह से कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाना निश्चित ही वन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता और अपने निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के प्रति सम्मान को ठेस पहुंचाने की भावना को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त है।

कटघोरा के कांग्रेस नेता हसन अली की नज़र जैसे ही इस बोर्ड पर पड़ी तो उन्होंने इसे मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया। जिस तरह से सांसद के नाम के साथ अपमान हुआ है, उससे न सिर्फ क्षेत्र के कांग्रेसजन बल्कि महंत समाज भी उद्वेलित हुआ है। महंत समाज में इस बात को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की धर्मपत्नी ज्योत्स्ना महंत ने छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस का परचम बरकरार रखा है और उनके साथ जाने या अनजाने में इस तरह की हुई गलती को किसी भी सूरत में क्षमा के लायक नहीं कहा जा सकता। वन विभाग के किस अधिकारी के प्रति इसकी जिम्मेदारी /जवाबदेही तय होगी यह देखने वाली बात होगी।

Ritesh Gupta
Author: Ritesh Gupta

Professional journalist

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